कोर्ट में इंटर्नशिप कर रही थी खूबसूरत लड़की, दिल हार बैठे मुंशी और वकील; फिर लव ट्रायंगल का हुआ खौफनाक अंत
दिल्ली पुलिस के एक एसीपी के बेटे की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि हत्या की वजह एक लव ट्रायंगल था। मुख्य आरोपी विकास तीस हजारी कोर्ट में मुंशी था और लक्ष्य (मृतक) भी कोर्ट में ही वकालत करता था। दोनों की एक ही लड़की से जान-पहचान थी। इसी के चलते विकास ने लक्ष्य को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
शमसे आलम, बाहरी दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एक एसीपी के बेटे की हत्या कर दी गई थी। जांच बढ़ी, तो पता चला कि उनके बेटे का अंतिम लोकेशन दिल्ली से 65 किलोमीटर दूर हरियाणा स्थित एक नहर के पास मिला। दिल्ली पुलिस को यह समझते देर नहीं लगी कि युवक की हत्या करके नहर में शव को ठिकाने लगा दिया गया है।
सर्द दिन व रात में दिल्ली पुलिस की 12 टीमों में 100 से अधिक पुलिस के जवान सर्च अभियान में जुट गए, क्योंकि मामला हाई-प्रोफाइल था। अंत में पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपित समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर नहर से कई दिनों बाद शव भी बरामद कर लिया गया।
युवती के चक्कर में हुई हत्या
आरोपित की पहचान विकास और अभिषेक के रूप में हुई। विकास मुख्य आरोपित था। वह तीस हजारी कोर्ट में मुंशी था, जबकि मृतक लक्ष्य भी कोर्ट में अधिवक्ता था। वहीं जिस युवती के चक्कर में हत्या हुई वह भी तीस हजारी कोर्ट में इंटर्नशिप कर रही थी।बाहरी-उत्तरी जिला के स्पेशल स्टाफ में तैनात एसीपी आपरेशन यशपाल सिंह के बेटे लक्ष्य 22 जनवरी 2024 को अपनी कार से सोनीपत एक शादी में जाते हैं, लेकिन 23 जनवरी को रहस्यमय परिस्थितियों में उनके लापता होने का मामला सामने आता है।
पुलिस की 10 टीमें की गई थी गठित
एसीपी ने खुद 23 जनवरी को समयपुर बादली थाने में लक्ष्य के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 24 घंटे तक कुछ भी पता नहीं चलने पर गुमशुदगी को अपहरण में तब्दील कर दिया जाता है। एसीपी के बेटे के लापता व हत्या किए जाने की आशंका से दिल्ली पुलिस में सनसनी फैल जाती है। ॉपुलिस हरकत में आती है। आनन-फानन में स्पेशल स्टाफ, क्राइम ब्रांच, एएटीएस, साइबर पुलिस समेत स्थानीय पुलिस की 10 टीमें गठित की जाती है। सभी टीमें जांच में जुट जाती है।
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