लोकनायक अस्पताल में जिंदा नवजात को मृत बताने और बाद में मौत मामले में 5 पर कार्रवाई, एक डाक्टर बर्खास्त
बीते दिनों दिल्ली के LNJP अस्तपताल में लपरवाही का मामला सामने आया था जहां डाक्टरों ने एक जिंदा नवजात को मृत घोषित कर दिया था। तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के बाद तीन डॉक्टर और दो नर्स पर कार्रवाई की गई है।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Fri, 24 Feb 2023 10:44 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में जिंदा नवजात को मृत घोषित करने के मामले में तीन डॉक्टर और दो नर्स पर कार्रवाई की गई है। एक डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया गया है और दो के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल को रिपोर्ट भेजी गई है। जबकि दो नर्सों को लेबर रूम से हटा दिया गया है। साथ ही नर्सों के खिलाफ भी नर्सिंग काउंसिल को भेजी गई रिपोर्ट में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। काउंसिल की जांच में भी अगर नर्सें दोषी पाई जाती हैं तो उनका लाइसेंस तक रद्द हो सकता है।
समिति ने सौंपी अपनी रिपोर्ट
मामले में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से ये कार्रवाई की गई है। लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. सुरेश कुमार ने बताया कि बहुत दुख है कि तमाम प्रयास के बाद भी हम इस नवजात को बचा नहीं पाए।
तैयार कर रहे हैं मानक और गाइडलाइंस
अब हम 20 से 24 सप्ताह के बीच जन्म लेने वाले नवजात के इलाज के लिए विशेष गाइडलाइंस और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बना रहे हैं, ताकि ऐसे बच्चे का इलाज का तरीका निश्चित हो और उसके इलाज में कोई देरी न हो। इस पर काम शुरू हो गया है। जहां तक 20 से 24 सप्ताह की नवजात की बात है तो उनका कहना है कि अगर वजन 500 ग्राम से कम हो और गर्भावस्था छह महीने से कम है तो इसे लाइफ फीटस ही माना जाता है और उसी तरीके से इलाज की जरूरत होती है।यह भी पढ़ें: ASI शंभू दयाल के बेटे को मिलेगी दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर की नियुक्त, LG ने दी सिफारिशों को मंजूरी
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