RIP Aruna Bhatia: एक्टर अक्षय कुमार की मां का दिल्ली से था खास रिश्ता, मुंबई जाकर भी खत्म नहीं हुआ चांदनी चौक से जुड़ाव
RIP Aruna Bhatia प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार की मां अरुणा भाटिया के दिल में चांदनी चौक बसता था। बात चाहे यहां के स्वाद की हो या भगवान के कपड़ों की यहीं से मुंबई जाता था। कुछ दिन पहले ही विशेष मसाले यहां से मुंबई भेजे गए थे।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 08 Sep 2021 07:56 PM (IST)
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार की मां अरुणा भाटिया के दिल में चांदनी चौक बसता था। बात चाहे यहां के स्वाद की हो या भगवान के कपड़ों की, यहीं से मुंबई जाता था। कुछ दिन पहले ही विशेष मसाले यहां से मुंबई भेजे गए थे। अक्षय कुमार के परिवार से जुड़े व पड़ोसी छत्ता मदन गोपाल निवासी कालू शर्मा बताते हैं कि चांदनी चौक के लोग थोड़ा चटपटा खाते हैं। वह यहां से जहां भी जाते हैं, अपना स्वाद साथ लेकर जाते हैं।
अरुणा भाटिया ने मुंबई में उन्होंने 77 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। बेटे अक्षय कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। वह कुछ दिनाें बीमार थी। उनकी बीमारी से यहां के लोग चिंतित थे। उनके निधन की खबर उन्हें मर्माहत कर दिया। क्योंकि यहां के लोगों के दिलों में उनके लिए खास जगह है। यहां के लोग उन्हें जरूरतमंदों की हर वक्त मदद करने, प्रेमपूर्वक व्यवहार और धार्मिक गतिविधियों में बढ़चढ़कर भाग लेने वाली महिला के तौर पर याद करते हैं।
कालू बताते हैं कि अक्षय कुमार में लोगों व समाज सेवा तथा देश के प्रति लगाव के गुण मां से मिले हैं। यहां के लोगों के मुताबिक वर्ष 1947 में बंटवारे के समय अरुणा भाटिया का परिवार जम्मू-कश्मीर से चांदनी चौक आया था। छत्ता मदन गोपाल इलाके में आज भी उनकी हवेली हैं, जिसका नंबर 1180 हैं। यहां उनके भाई और उनका परिवार रहता है। उनके निधन पर परिवार मुंबई चला गया है। वह पांच भाई और दो बहनों में दूसरे नंबर पर थी। उनके दो भाई अब भी दिल्ली में रहते हैं। जबकि बाकि मुंबई में रहते हैं।
अक्षय कुमार यहां अपने ननिहाल में पले, बढ़े और फिल्मी दुनियां में जाने का सपना देखा। उनके नाना की खारी बावली मेें सोडा वाटर की दुकान थी। अरुणा की शादी खारी बावली के सामने स्थित लक्ष्मी नारायण की धर्मशाला में हरीओम भाटिया से शादी हुई थी। उनका काफी समय चांदनी चौक में बीता। बेटे के फिल्मी जगत में चमकने के साथ वह मुंबई रहने चली गई थी, लेकिन वर्ष 2015 मां के रहने तक वह नियमित अतंराल पर यहां आती रहती थी।
यहां के लाेगों से जुड़ाव बना हुआ था, वह फोन के माध्यम से यहां के लोगों का हालचाल लेती रहती थी। किनारी बाजार निवासी आत्म अग्रवाल कहते हैं कि उन्हें बेटे अक्षय कुमार और बेटी अल्का के साथ गुरुद्वारे में अक्सर जाते देखा था।
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