Lok Sabha Election 2024: दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में नहीं टूट रहा ये रिकॉर्ड, प्रशासन के सामने खड़ी हुई चुनौती तो किया ये इंतजाम
Lok Sabha Election 2024 दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर प्रशासन के सामने इस बार 62.90 फीसदी मतदान के रिकॉर्ड को तोड़ने की चुनौती है। हालांकि प्रशासन ने जागरुकता अभियान शुरू किया है। लोगों को मत का महत्व बताया जा रहा है। मगर 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर चार प्रतिशत मतदान पिछले चुनाव की अपेक्षा कम हुआ था। अबकी प्रशासन की कोशिश मतदान प्रतिशत को बढ़ाने की है।
दीपक गुप्ता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी संसदीय क्षेत्र का रिकॉर्ड मतदान प्रतिशत तोड़ना प्रशासन के लिए चुनौती बनेगा, क्योंकि अभी तक यहां 62.90 प्रतिशत से अधिक मतदान नहीं हो सका है। अगर एक बार के चुनाव को छोड़ दिया जाए तो दक्षिणी लोकसभा सीट का इतिहास रहा है कि यहां एक चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ता है तो दूसरे चुनाव में मतदान प्रतिशत घट जाता है।
सबसे अधिक मतदान वर्ष 2014 में 62.90 प्रतिशत हुआ था। इसके बाद यह मतदान रिकॉर्ड नहीं टूट सका। दक्षिणी संसदीय क्षेत्र में 10 विधानसभा सीटों पर करीब 22 लाख 21 हजार 445 मतदाता है। इनमें महिला मतदाता 9,86,726, पुरुष मतदाता 12,34,380 और थर्ड जेंडर 339 है।
संसदीय क्षेत्र में कभी मतदान बढ़ता है तो कभी घट जाता है। मतदाताओं के घरों से बाहर न निकलने के कारण मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ पाता है। वर्ष 1999 में देखा जाए तो दक्षिणी सीट पर 41.87 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके बाद मतदान प्रतिशत बढ़ना चाहिए था, लेकिन वर्ष 2004 में दो प्रतिशत मतदान घटकर 39.87 पर पहुंच गया था।
2009 में आठ फीसदी बढ़ा मतदान
वर्ष 2009 में मतदान करने में लोगों में उत्साह देखा गया और 47.41 प्रतिशत मतदान हुआ। जहां वर्ष 2004 में मतदान दो प्रतिशत घटा था तो वर्ष 2009 में आठ प्रतिशत मतदान बढ़ गया था। इसके बाद वर्ष 2014 के चुनाव में लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ और रिकॉर्ड तोड़ मतदान 62.90 प्रतिशत दर्ज किया गया।
2019 में 58.75 फीसदी हुआ था मतदान
लगातार दो बार लोकसभा चुनाव में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लोगों में जो उत्साह दिखाई दिया था, वह वर्ष 2019 में कम हो गया। जहां मतदान बढ़ने चाहिए था वह चार प्रतिशत घट गया। वर्ष 2019 के चुनाव में मात्र 58.75 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।प्रशासन कर रहा मतदान प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी
दक्षिणी संसदीय क्षेत्र में इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ने के लिए प्रशासन कार्यक्रम कर रहा है। लोगों से मतदान के लिए घरों से बाहर निकलने की अपील की जा रही है। स्वीप कार्यक्रम के तहत लोगों को मतदान का महत्व बताया जा रहा है। लोगों से कहा जा रहा है कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मतदान करना चाहिए और हम सभी का यह अधिकार है।
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दक्षिणी संसदीय क्षेत्र में इस बार मतदान बढ़ेगा या घटेगा 25 मई को पता चलेगा, क्योंकि लगातार दो बार के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ा था। इसके बाद वर्ष 2019 में मतदान प्रतिशत कम हो गया था।वर्ष |
मतदान प्रतिशत |
1999 | 41.87 |
2004 | 39.87 |
2009 | 47.41 |
2014 | 62.90 |
2019 | 58.75 |