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श्रद्धा के 35 टुकड़े करने में आफताब के हाथ में हो गया था जख्म, मर्डर के बाद आर्डर किया था चिकन रोल

Shraddha Murder Case खुद के दोषी होने से इन्कार करने व आगे मुकदमा लड़ने की आफताब की दलील पर अदालत ने मुकदमा शुरू करने का आदेश दिया। आगे की कार्यवाही के लिए अदालत ने मामला एक जून को सूचीबद्ध कर दिया।

By Abhishek TiwariEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Wed, 10 May 2023 08:47 AM (IST)
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Shraddha Murder Case : श्रद्धा के 35 टुकड़े करने में आफताब के हाथ में हो गया था जख्म

नई दिल्ली। दिल्ली के महरौली इलाके में लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की गला दबाकर हत्या करने और उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करने की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के आरोपित के खिलाफ हत्या और साक्ष्यों को मिटाने का मुकदमा चलेगा।

दूसरी गर्लफ्रेंड घर आने पर छिपा देता था शव के टुकड़े

बता दें कि श्रद्धा वालकर के शव को काटने के दौरान आफताब पूनावाला का हाथ भी कट गया था। आरोपपत्र में कहा गया है कि श्रद्धा की हत्या के बाद जब आफताब की दूसरी गर्लफ्रेंड घर पर आती थी तब वह श्रद्धा के शव के टुकड़े फ्रिज से निकालकर किचन में छिपा देता था और फिर उसके वहां से जाते ही शव के टुकड़ों को वापस फ्रिज में रख देता था।

गूगल के विश्लेषण से पता चला की 18 मई के बाद श्रद्धा का फेसबुक अकाउंट आफताब के फोन में चल रहा था। श्रद्धा और आफताब की 18 मई की सभी लोकेशन को महरौली पुलिस ने आरोपपत्र में बताई हैं। जिससे पता चलता है कि श्रद्धा की हत्या के बाद उसका फोन आफताब के पास ही था।

18 मई की रात जोमेटो से आर्डर किया था एक चिकन रोल

18 मई की रात को आफताब ने जोमेटो से सिर्फ अपने लिए एक चिकन रोल आर्डर किया था, क्योंकि उस दिन श्रद्धा की हत्या हो चुकी थी। 18 मई से अगले तीन दिन तक आफताब बाजार से बहुत ज्यादा पानी की बोतलें मंगाई थी ताकि घर में पसरे खून के धब्बे को ठीक से घोया जा सके।

पुलिस ने माना है कि श्रद्धा और आफताब में झगड़े की मुख्य वजह आफताब की कई लड़कियों से दोस्ती ही थी। उसकी दिल्ली से लेकर दुबई तक कई लड़कियों से दोस्ती थी।

18 मई के बाद श्रद्धा के जिंदा नहीं होने का पेश किया सुबूत

दिल्ली पुलिस ने चाकू, कैंची और हथौड़े की बरामदगी दिखाई है। आरोप है कि इन्हीं हथियारों से आफताब ने श्रद्धा के शरीर के टुकड़े किए थे। इसके अलावा नार्को विश्लेषण परीक्षण, मृतक के किसी परिचित या दोस्त से एक अंगूठी की बरामदगी भी पेश की गई।

पुलिस ने मृतक के दोस्त और आरोपित के बीच मोबाइल पर हुई चैट भी यह साबित करने के लिए पेश की कि श्रद्धा 18 मई के बाद जीवित नहीं थी।

आरोपित की दलील

सुनवाई के दौरान आफताब पूनावाला की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अक्षय भंडारी ने कहा था कि आरोप तय करते समय अपराध करने के तरीके का उल्लेख किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी तर्क दिया था कि आरोपित को दोनों अपराधों के लिए सजा नहीं दी जा सकती है क्योंकि अभियोजन पक्ष ने कोई ठोस सुबूत रिकार्ड पर पेश नहीं किया है

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