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Shraddha Murder Case: आफताब ने श्रद्धा की हत्या से पहले देखी थी 'डेक्सटर' वेब सीरीज, जानिए क्या है इसकी कहानी?

Shraddha Murder Case दिल्ली में आफताब नाम के शख्स ने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा वाकर की हत्या कर शव के 35 टुकड़े कर दिए। आरोपित आफताब प्रतिदिन उसी कमरे में सोता था जहां उसने श्रद्धा की हत्या कर शव को टुकड़ों में काटा था।

By Abhishek TiwariEdited By: Updated: Tue, 15 Nov 2022 10:03 AM (IST)
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आफताब ने श्रद्धा की हत्या से पहले देखी थी 'डेक्सटर' वेब सीरीज
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। श्रद्धा हत्याकांड का (Shraddha Walkar Murder Case) आरोपित आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Ameen Poonawala) ने वारदात को अंजाम देने से पहले वेब सीरीज डेक्सटर देखी थी। पुलिस का कहना है कि आफताब हॉलीवुड की वेब सीरीज देखने का शौकीन है।

वेब सीरीज देखने के बाद उसने श्रद्धा की हत्या कर शव के टुकड़े करने की साजिश रची। चूंकि, शेफ होने की वजह से उसे शव के टुकड़े करने और उसे सुरक्षित करने की जानकारी पहले से थी। इसलिए उसने हत्याकांड को लेकर पूरी योजना बना ली। इसीलिए वह जंगल के आसपास का एरिया तलाश रहा था।

क्या है 'डेक्सटर' वेब सीरीज की कहानी?

आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि 'डेक्सटर' वेब सीरीज की कहानी में आखिर ऐसा क्या है, जिसे देखने के बाद आफताब ने अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या कर उसके शव के साथ ऐसी दरिंदगी की। दरअसल, 'डेक्सटर' एक क्राइम-ड्रामा सीरीज है। इसमें माइकल सी हाल ने 'डेक्सटर' का किरदार निभाया है।

इसकी कहानी 3 साल की उम्र में अनाथ हुए 'डेक्सटर' नाम के लड़के के आस-पास घूमती है। इस बच्चे को मियानी पुलिस अफसर हैरी मॉर्गन अडॉप्ट कर लेता है। बच्चे ने बछपन में अपनी मां की आरी से हत्या देखी थी, यह वारदात उसके जहन में बैठ जाती है। हैरी मॉर्गन 'डेक्सटर' के दिमाग में लगे इस सदमे को पहचान जाता है।

इसके बाद वह कानूनी दाव पेंच को ध्यान में रखकर उसकी हत्यारों का मर्डर करने में सहायता करता है। इससे वह मर्डर के अपराध से बच निकलता है। इसके बाद 'डेक्सटर' खुद को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस मेट्रो स्टेशन में फॉरेंसिक स्पेशलिस्ट की जॉब करता है।

आफताब ने हिमाचल में रची थी श्रद्धा की हत्या की साजिश

आफताब ने श्रद्धा की हत्या की साजिश अप्रैल में ही रच ली थी। इसी वजह से उसने हिल स्टेशन पर घूमने की योजना बनाई थी। वह हिमाचल प्रदेश में ही वारदात को अंजाम देना चाहता था, लेकिन वहां घूमने जाने की जानकारी श्रद्धा के दोस्तों व कुछ अन्य नजदीकी लोगों को हो गई थी। इसके बाद उसने साजिश को अंजाम देने के लिए दिल्ली को चुना। यह बातें आफताब से पूछताछ के दौरान सामने आई हैं।

शव ठिकाने लगाने के लिए लिया इंटरनेट का सहारा

पुलिस सूत्रों के मुताबिक हिमाचल में जब वह हत्याकांड को अंजाम नहीं दे सका तो करीब तीन सप्ताह तक वहां रहने के बाद दिल्ली आ गया। यहां पहाड़गंज इलाके में एक होटल ले लिया। इसके बाद इंटरनेट मीडिया के जरिये दिल्ली के उन इलाकों का पता लगाने में जुट गया, ग्रीन बेल्ट अधिक है, ताकि शव को आसानी से ठिकाने लगाया जा सके।

पहाड़गंज में दो दिन रहने के बाद दोनों साकेत के सैदुलाजाब में एक पीजी में चार दिन रुके। इस बीच छतरपुर में दोस्त की मदद से नौ हजार रुपये प्रतिमाह किराये का घर ढूंढा और 15 मई से दोनों वहां शिफ्ट हो गए।

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