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पाकिस्‍तान रेंजर्स के जुल्‍म का शिकार अंकित विवाह के बाद खो बैठा था मानसिक संतुलन

पाकिस्तान कैसे और क्यों पहुंचा हापुड़ का अंकित, गांव के लिए यह एक पहेली से कम नहीं है।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Fri, 23 Mar 2018 10:37 AM (IST)
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पाकिस्‍तान रेंजर्स के जुल्‍म का शिकार अंकित विवाह के बाद खो बैठा था मानसिक संतुलन

हापुड़ [जेएनएन ]। पाक रेंजर्स के अत्याचार का शिकार बना गांव भड़ंगपुर का अंकित विवाह के कुछ दिन बाद ही मानसिक संतुलन खो बैठा था। वह पाकिस्तान कैसे और क्यों पहुंचा, इसके बारे में परिवार के साथ साथ गांव के अन्य लोंगों को कुछ नहीं पता। ग्रामीणों का कहना है कि मानसिक संतुलन खो देने के बाद भी उसने कभी भी किसी को न तो परेशान किया और न ही ऐसी कोई हरकत की, जिससे उसके परिजन को शर्मसार होना पड़े। घर में उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है।

जिला मुख्यालय से करीब 17 किमी की दूरी पर गांव भड़ंगपुर निवासी दिनेश शर्मा का पुत्र अंकित का 4 मार्च 2009 को मतौर गांव निवासी युवती से विवाह हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद ही उसका मानसिक संतुलन अचानक बिगड़ गया। परिजन ने उसका हापुड़ के अलावा मेरठ, बुलंदशहर आदि नगरों के मानसिक रोग विशेषज्ञों से उसका उपचार कराया, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हो सका। कुछ दिनों बाद उसकी पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गई।

बुधवार को दैनिक जागरण ने गांव भड़ंगपुर पहुंच कर ग्रामीणों से बात की। भड़ंगपुर निवासी मंगू लाल शर्मा, कुलदीप चौधरी, मदनपाल आदि ने बताया कि अंकित नशा करता था। उसे काफी समय पहले नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हो पाया।

उसके घर पर उसकी माता मुनीशा शर्मा पुत्र का जिक्र सुनते ही फूट-फूट कर रो पड़ीं। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने पुत्र पर पूरा भरोसा है कि वह कोई ऐसा काम नहीं करेगा, जिससे परिवार को शर्मिंदा होना पड़े। उनका पुत्र पाकिस्तान कैसे और क्यों पहुंचा, इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। आशा है कि जल्द ही उनका पुत्र वापस लौट आएगा।

ग्रामीण अमरपाल सिंह ने कहा कि विवाह हो जाने के बाद अंकित मानसिक रूप से परेशान रहने लगा था। कई-कई दिनों तक अपने घर नहीं आता था। वह पाकिस्तान कैसे पहुंचा, इसके बारे में किसी को भी जानकारी नहीं है।

एक और ग्रामीण सोहनपाल सिंह का कहना है कि अंकित को काफी समय पहले नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती किया गया था। वहां से वापस आकर वह अवसाद का शिकार हो गया। परिवार के लोग उसका काफी उपचार करा रहे हैं, लेकिन उसकी सेहत में सुधार नहीं हो पाया है।

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