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Ordinance Row : दिल्ली सरकार और नौकरशाहों के बीच बढ़ सकता है तनाव, अब एलजी के पास तबादला और नियुक्ति का अधिकार

Delhi Ordinance Row सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार दिल्ली में अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति के लिए जो अध्यादेश लेकर आई है उसके जरिये यह अधिकार एलजी को दिए गए हैं। यानी अब दिल्ली सरकार में तबादला और नियुक्ति के लिए आखिरी फैसला एलजी का होगा।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 22 May 2023 08:12 AM (IST)
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Delhi Ordinance Row: दिल्ली सरकार और नौकरशाहों के बीच बढ़ सकता है तनाव

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। केंद्र के अध्यादेश का सोमवार से दिल्ली सचिवालय में असर दिख सकता है। जो नौकरशाह आप सरकार से अपनी जान बचाते फिर रहे थे और दिल्ली सरकार से तबादला करा लेने के लिए अपनी जुगत भिड़ा रहे थे, अब कुछ सुकून में हैं। इसका असर भी सोमवार से दिखाई दे सकता है।

हालांकि, आप का दावा है कि मामला सुप्रीम कोर्ट जाएगा और फैसला उसके हक में ही आएगा। इसलिए जो लोग केंद्र के अध्यादेश पर इतरा रहे हैं, वे ध्यान रखें कि सरकार में रहना है, तो जनता के काम तो करने होंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार और नौकरशाहों के बीच तनाव बढ़ सकता है। तनाव बढ़ने का कारण दोनों ओर से है।

भारद्वाज ने एलजी से की मुख्य सचिव की शिकायत

एक ओर नौकरशाहों ने, खासकर कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज पर अभद्रता करने का आरोप लगाया है और इस मुद्दे पर एलजी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सौरभ भारद्वाज का नाम लेकर अपने पत्र में जिक्र किया है। उधर, सौरभ भारद्वाज ने भी मुख्य सचिव नरेश कुमार पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। भारद्वाज ने इस बारे में पुलिस में भी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं, भारद्वाज ने मुख्य सचिव की शिकायत एलजी से भी की है।

ऐसे में यह मामला अभी निपटता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, माना जा रहा है कि सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वाईवीवीजे राजशेखर के कार्यालय पर लगी सील फिर खुल सकती है, क्योंकि सरकार का काम ले लेने का अधिकार भी अब समाप्त हो गया है। बता दें कि भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर दिल्ली सरकार ने सतर्कता विभाग के विशेष सचिव से काम वापस ले लिया था।

अब एलजी के पास होगा तबादला व नियुक्ति का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार दिल्ली में अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति के लिए जो अध्यादेश लेकर आई है, उसके जरिये यह अधिकार एलजी को दिए गए हैं। यानी, अब दिल्ली सरकार में तबादला और नियुक्ति के लिए आखिरी फैसला एलजी का होगा।

अध्यादेश के जरिये केंद्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) का गठन करेगी, जो दिल्ली में तबादला, नियुक्ति और विजिलेंस के काम पर नजर रखेगा। अध्यादेश में कहा गया है कि दिल्ली राष्ट्रपति के अधीन है।

ऐसे में अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के अधीन रहेगा। अध्यादेश के अनुसार एनसीसीएसए के अध्यक्ष सीएम होंगे। मुख्य सचिव व गृह सचिव सदस्य होंगे, जिनकी नियुक्ति केंद्र करेगा।

अधिकारियों की नियुक्ति के विषय में एनसीसीएसए एलजी को अनुमोदन करेगी और अगर अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति में कोई विवाद पैदा होता है, तो आखिरी फैसला एलजी का ही मान्य होगा।