Chhath Puja: नहाय-खाय के बाद खरना पूजन में जुटे श्रद्धालु, व्रतियों ने छठ महापर्व को लेकर की तैयारी
Chhath Puja Vidhi दीवाली और भैयादूज के बाद अब छठ पर्व को लेकर लोगों में उत्साह देखते ही बन रहा है। आज नहाय-खाय के साथ ही व्रतियों ने छठ महापर्व की तैयारियां शुरू की। सुबह-सुबह महिलाओं ने स्नान करने के बाद भगवान की पूजा-अर्चना की। बाद में भोजन ग्रहण किया। छठ का दूसरा दिन खरना माना जाता है। जिसमें व्रती गुड़ व चावल की विशेष खीर बनाती हैं।
इलाके में है उल्लास का माहौल
जनकपुरी, पालम, डाबड़ी, विकासपुरी, द्वारका, नजफगढ़ सहित कई अन्य इलाकों में छठ पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। नहाय खाय के बाद हर जगह उल्लास का माहौल है। कई लोगों के घर पर छठ मइया के गीत माहौल को भक्तिमय कर रहे हैं।छठ कार्यक्रम
6 नवंबर : खरनासुबह स्नान कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शाम को गुड़ की खीर और रोटी बनाई जाएगी। विशेष बात यह है कि खाते वक्त बिल्कुल भी नहीं बोलते हैं। दोबारा खाना नहीं मांगते हैं।7 नवंबर : संध्या अर्घ्यपूजा करने वाले लोग पूरे दिन निर्जला व्रत रखेंगे। शाम को विधि विधान से छठी मैया की पूजा कर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस दौरान छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ होगी। 8 नवंबर : प्रात: कालीन अर्घ्यछठ महापर्व का व्रत रखने वाले श्रद्धालु सुबह छठ घाटों से उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। जिन लोगों ने व्रत नहीं रखा है वे भी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे।छठ ऐसा त्योहार है जो अनुशासित रहने की सीख देने के साथ साथ प्रकृति के प्रति सम्मान का भाव सिखाता है। आडंबर से दूर इस त्योहार में अनुशासन का कड़ा महत्व है। यह कष्ट के समय धैर्य धारण करने की भी सीख देता है।
रुबी
यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हुआ छठ महापर्व, यमुना में झाग के बीच व्रतियों ने की पूजा; PHOTOSनहाय खाय के साथ शुरु हुआ यह त्योहार अब सुबह वाले अर्घ्य के दिन तक चलेगा। इन चार दिनों में सभी लोग पूरे अनुशासन का पालन करते हैं। पूरी तरह प्रकृति से जुड़े इस महापर्व में आत्मानुशासन, धैर्य व भक्ति तीनों की प्रधानता है।
ललिता