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दिल्ली में फिर सीलिंग और तोड़फोड़ का दौर लौटने की आहट, कार्रवाई के दायरे में आ सकती हैं लाखों संपत्तियां

ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल में हुई घटना के बाद से प्रशासन एक्शन में है। अब फिर से राजधानी में फिर सीलिंग और तोड़फोड का दौर लौट सकता है। दक्षिणी दिल्ली में छत्तरपुर से लेकर वसंतकुंज समेत अन्य इलाकों का निरीक्षण कर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। गैर अधिसूचित सड़क पर हो रही व्यापारिक गतिविधियों और डीडीए फ्लैट के दुरुपयोग पर कार्रवाई हो सकती है।

By Nihal Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 18 Aug 2024 08:13 AM (IST)
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छत्तरपुर के 100 फुटा रोड पर शोरूम संचालित हो रहे हैं। फोटो- जागरण
निहाल सिंह, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर से सीलिंग और तोड़फोड़ का दौर लौटने की आहट है। ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर बेसमेंट की घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी ने कई आदेश जारी किए हैं। कमेटी ने वर्ष 2018 की तरह ही उन इलाकों का निरीक्षण शुरू कर दिया है, जहां मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन हो रहा है।

इसके तहत ही कमेटी ने छह अगस्त को दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर, चंद्रहोला, फतेहपुर बेरी, राजपुर खुर्द, असोला, लाड़ो सराय, भाटी माइंस समेत कई इलाकों में निरीक्षण कर अवैध निर्माण, अतिक्रमण और संपत्ति के दुरुपयोग को लेकर डीडीए, एमसीडी और राजस्व विभाग को कार्रवाई के आदेश जारी किए।

कमेटी ने 100 फुट रोड का किया निरीक्षण

साथ ही सभी विभागों से कार्रवाई की एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) भी मांगी है। दैनिक जागरण को मिले दस्तावेज के अनुसार कमेटी ने संत श्रीनागपाल मार्ग (100 फुट रोड) का निरीक्षण किया।

कमेटी ने पाया कि यह गैरअधिसूचित रोड है। बावजूद इस मार्ग पर बहुतायत में व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं। विभिन्न फ्लोर और बेसमेंट में यह गतिविधियां की जा रही हैं, जो कि मास्टर प्लान 2021 के साथ एकीकृत भवन निर्माण उप नियम 2016 का उल्लंघन है।

कमेटी ने डीडीए को दिए कार्रवाई के आदेश 

इसलिए इन पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही कमेटी ने कुतुबमीनार मेट्रो स्टेशन के पास एक संपत्ति में पत्थरों और नर्सरी की दुकानें चल रही है। कमेटी ने जब अधिकारियों से पूछा तो यह डीडीए की भूमि पाई गई। इस पर कमेटी ने डीडीए को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

इसी तरह कमेटी ने छतरपुर मेन रोड से लेकर चंद्रहोला, फतेहपुर बेरी, राजपुर खुर्द, असोला और अन्य इलाकों में मार्बल बिक्री से लेकर फार्म हाउस, शादी के आयोजन के स्थल, होटल, गेस्ट हाउस और रिसॉर्ट चल रहे हैं।

कमेटी ने अधिकारियों को ध्यान दिलाया कि इस इलाके में कई गतिविधियां संचालन की अनुमति नहीं है, बावजूद इसके यह गतिविधियां चल रही है। इस पर कमेटी ने डीडीए, दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग से लेकर एमसीडी उन संपत्तियों की पहचान के निर्देश दिए हैं जहां नियमों के खिलाफ गतिविधियां की जा रही हैं।

2018 में सील हुई संपत्तियां अभी तक हैं बंद

मॉनिटरिंग कमेटी ने 2018 में लोकल शापिंग सेंटर में हो रहे संपत्तियों के दुरुपयोग पर कार्रवाई की थी। इसमें कई संपत्तियों को सील किया है, जो अभी तक बंद हैं। अमर कालोनी से लेकर मेहरचंद्र मार्केट, ओल्ड राजेद्र नगर समेत अन्य इलाकों में सीलिंग हुई थी लेकिन, मामला बढ़ता देख केंद्र ने मास्टर प्लान 2021 में संशोधन कर दिया।

डीडीए फ्लैट में चल रही दुकानें

मॉनिटरिंग कमेटी ने डीडीए फ्लैट के हो रहे दुरुपयोग और नियमों के उल्लंघन को लेकर भी सख्ती जारी की है। कमेटी ने वसंतकुंज के सेक्टर ए और पाकेट ए में कार मरम्मत और सर्विस सेंटर चलते पाए जाने पर कार्रवाई के आदेश डीडीए और एमसीडी को दिए हैं। कमेटी ने कहा है कि यहां पर संपत्ति का दुरुपयोग हो रहा है।

कार्रवाई की दायरे में आ सकती हैं लाखों संपत्तियां

मॉनिटरिंग कमेटी का उन मार्गों पर निरीक्षण करना जो अधिसूचित नहीं है और ग्राम सभा की भूमि पर अतिक्रमण को हटाने के साथ ही डीडीए फ्लैट में खुली दुकानों पर कार्रवाई के आदेश देने का अर्थ है कि कमेटी अवैध निर्माण और संपत्ति के दुरुपयोग को रोकना चाहती है।

दिल्ली के ज्यादातर डीडीए फ्लैटों में कब्जे से लेकर संपत्तियों का दुरुपयोग हो रहा है। वहीं, दिल्ली में सैकड़ों की संख्या में ऐसे मार्ग हैं जो व्यावसायिक हो गए हैं लेकिन नियमों में वह अभी भी रिहायशी है। ऐसे मार्गों का निरीक्षण अगर आगे भी होता रहा तो लाखों की संख्या में संपत्तियां कार्रवाई के दायरे में आएंगी।

सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में दिल्ली में अवैध निर्माण व अतिक्रमण आदि पर रोक लगाने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया था। यह कमेटी सुप्रीम कोर्ट को ही रिपोर्ट करती है। इसमें नौकरशाह और सेना के सेवानिवृत अधिकारी हैं।

फार्म हाउसों की लिस्ट मांगी

मॉनिटरिंग कमेटी ने दक्षिणी जोन के एमसीडी उपायुक्त को निर्देश दिए कि वह सभी फार्म हाउसों की लिस्ट दें और फार्म हाउसों के संचालन की जो नीति है उसे भी उपलब्ध कराएं। महरौली और साकेत के एसडीएम को कमेटी ने इलाके में अतिक्रमण, कृषि योग्य भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण की पहचान करने और उस पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा कमेटी ने पाया कि सुल्तानपुर के खसरा नंबर 251 से 255, 256/6, 293. 294/1. 294/2, 294/3, 350, 355, 357, 432, 433, 434, 435, 439 और 440 में ग्राम सभा की भूमि पर अवैध निर्माण हो रहा है। कमेटी ने अवैध निर्माण को गिराने के साथ ही उसकी रिपोर्ट भी मांगी है।

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