Move to Jagran APP

रेमडेसिविर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के बाद अब ब्लैक फंगस की दवा की भी हो रही कालाबाजारी, दाम सुनकर रह जाएंगे दंग

ब्लैक फंगस से पीडि़त एक शख्स को एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की जरूरत पड़ने पर उन्होंने एक शख्स से संपर्क किया। उसने इंजेक्शन की कीमत 11 हजार 300 रुपये बताई। यह कीमत इंजेक्शन की असल कीमत से 36 गुना अधिक है। वह 20 इंजेक्शन 2.26 लाख रुपये में देने को राजी हुआ।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Tue, 25 May 2021 01:40 PM (IST)
Hero Image
एम्फोटेरिसिन-बी नामक इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। साकेत थाना पुलिस ने ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल किए जाने वाले एम्फोटेरिसिन-बी नामक इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपित इन इंजेक्शनों को 36 गुना अधिक दाम पर बेच रहे थे। आरोपितों की पहचान रजनीश श्रीवास्तव (46) और मुर्तजा खान (36) के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से 20 इंजेक्शन, तीन मोबाइल फोन और एक कार बरामद की है।

पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि 23 मई को दो छात्रों अभिषेक कुमार और ऋषभ ने साकेत थाने में आकर सूचना दी थी कि वे वाट्सएप पर केविड हेल्पर नामक ग्रुप के सदस्य हैं। यह ग्रुप कोविड-19 और ब्लैक फंगस से पीडि़त लोगों की मदद करता है। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस से पीडि़त एक शख्स को एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की जरूरत पड़ने पर उन्होंने एक शख्स से संपर्क किया। उसने इंजेक्शन की कीमत 11 हजार 300 रुपये बताई। यह कीमत इंजेक्शन की असल कीमत से 36 गुना अधिक है। वह 20 इंजेक्शन 2.26 लाख रुपये में देने को राजी हो गया और साकेत आकर डिलीवरी देने की बात कही।

सूचना के बाद एसआइ अमन, जोगिन्दर, कांस्टेबल विनोद और महिपाल ने मामले की जांच शुरू की। हौजरानी रेडलाइट के पास दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर उनकी कार से 20 इंजेक्शन बरामद किए गए। पूछताछ में पता चला कि आरोपित रजनीश ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से टूरिज्म में मास्टर डिग्री प्राप्त की है और वह मेडिकल उपकरणों का कारोबार करता है, जबकि आरोपित मुर्तजा उसका चालक है। जांच में पता चला कि आरोपित लखनऊ से इंजेक्शन लेकर दिल्ली में ऊंचे दामों पर बेच रहा था।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।