लॉकडाउन के बाद लोगों में नजर आने लगा है सकारात्मक बदलाव, समाज को होगा फायदा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो दूसरे देशों में मेडिक्लेम आम है लेकिन अपने देश में इसे अपनाने वालों की संख्या बहुत कम है। लेकिन कोरोना ने लोगों को इसकी महत्ता बता दी है।
नई दिल्ली (स्वदेश कुमार)। कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। इससे लोगों को दिक्कतें हो रही हैं लेकिन कई सकारात्मक बदलाव भी नजर आने लगे हैं। इसमें सबसे प्रमुख बदलाव डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति लोगों की सोच में दिखने लगा है। कोरोना के प्रकोप ने इनकी महत्ता बढ़ा दी है। अब लोगों में इनके प्रति सम्मान बढ़ा है। साथ ही लोग स्वास्थ्य को लेकर जागरूक भी होते नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि पिछले एक महीने में स्वास्थ्य बीमा (मेडिक्लेम) कराने वालों की संख्या भी बढ़ गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो दूसरे देशों में मेडिक्लेम आम है लेकिन अपने देश में इसे अपनाने वालों की संख्या बहुत कम है। लेकिन कोरोना ने लोगों को इसकी महत्ता बता दी है। अब लोग डॉक्टरों से पूछ रहे हैं कि कौन से कंपनी से मेडिक्लेम कराना चाहिए। मेडिक्लेम कराने वाली कंपनियों की संख्या अपने देश में कम नहीं है। इसकी मांग बढ़ेगी तो ये कंपनियां भी लोगों को कई तरह की सहूलियत प्रदान कर सकती हैं।
इसके साथ आनलाइन कंसल्टेशन के लिए भी इसे एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल हमारे देश की चिकित्सा पद्धति में यह कभी शामिल नहीं रहा। लेकिन, लॉकडाउन में इसने कई मरीजों को घर बैठे इलाज उपलब्ध करा दिया। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि ऑनलाइन कंसल्टेशन से अस्पतालों में भीड़ भी कम की जा सकती है। मरीज को कम से कम अस्पताल बुलाने की कोशिश हो और फोन या वीडियो कॉल से ही उनका इलाज हो जाए।
स्वास्थ्य और चिकित्सकों के प्रति लोगों का बदला नजरिया
स्वास्थ्य को लेकर लोग जागरूक होंगे तो बीमारियां भी कम होंगी। मेडिक्लेम कराने वालों की संख्या बढ़ी है। जितना ज्यादा लोगों का मेडिक्लेम होगा, उन्हें उतनी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकती है। ऑनलाइन काउंसिलिंग को विस्तार मिल सकता है।
- डॉ. वरुण त्यागी, निदेशक, परफेक्ट त्यागी अस्पताल
लोग अब स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक हो रहे हैं। पिछले एक महीने में सामान्य बीमा के साथ मेडिक्लेम की मांग भी बढ़ी है। लोग अलग-अलग कंपनियों से मेडिक्लेम करा रहे हैं। अब कंपनियों ने इसमें कोरोना के इलाज को भी शामिल कर लिया है। मेडिक्लेम लेने के 14 दिन के बाद यह बीमारी भी बीमा के दायरे में आ जाती है।
सुभाष जैन, बीमा सलाहकार