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Delhi Waterlogging: जलभराव से हाहाकार के बाद एमसीडी का दावा, 100 प्रतिशत साफ किए नाले

दिल्ली में जलभराव से हाहाकार के कुछ दिन बीतने के बाद दिल्ली नगर निगम ने दावा किया है कि 100 प्रतिशत नाले साफ किए गए। सभी क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पोर्टेबल पंप तैनात किए गए हैं। राजधानी के 12 क्षेत्रों में नियंत्रण कक्ष चालू हैं जिसमें लोग जलभराव पेड़ों के गिरने और इमारतों को हुए नुकसान संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

By Nimish Hemant Edited By: Abhishek Tiwari Published: Thu, 04 Jul 2024 12:48 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 12:48 PM (IST)
तैमूरनगर नाले से निकालकर साइड में रखी गाद। फोटो सौ.- जागरण

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में 28 जून को रिकॉर्ड तोड़ वर्षा और जलभराव से हाहाकार के कुछ दिन ही बीते हैं। इस बीच एमसीडी ने दावा किया है कि उसने नालों की सफाई का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है।

एमसीडी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, उसके द्वारा दिल्ली में 466 किमी में फैले चार फीट और उससे अधिक गहरे 713 नालों की सफलतापूर्वक सफाई कर ली गई है।

तिलक ब्रिज के समीप नाले मे सफाई के बाद भी जमी गाद । फोटो- जागरण आर्काइव

इन नालों से 80,690.4 मीट्रिक टन गाद निकालकर लैंडफिल साइटों पर भेजा जा रही है। निगम का यह दावा ऐसे वक्त में है, जब दिल्ली के अधिकतर इलाकों में जलभराव के लिए नालों के जाम होने को जिम्मेदार माना गया है और एमसीडी का पूरा अमला नालों की सफाई में जुटा है।

इन नालों की हुई सफाई

एमसीडी ने दावा किया है कि उसने 22 नालों में उन 14 नालों की भी सफाई कर दी है, जो फिलहाल उसके पास हैं, और आगे उसे सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को स्थानांतरित किया जाना है।

उसमें स्वीपर कॉलोनी नाला, मैगजीन नाला, सिविल मिलिट्री नाला, मोअट नाला (विजय घाट), आइएसबीटी नाला (कुदसिया बाग/ मोरी गेट नाला), कैलाश नगर नाला (यमुना के पूर्वी तट पर), शास्त्री पार्क नाला (यमुना के पूर्वी तट पर) है।

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उसी तरह, नाला नं. 14, तेखंड नाला, सेन नर्सिंग होम नाला (नाला नं. 12), दिल्ली गेट नाला/ पावर हाउस नाला व अबुल फजल नाला को भी साफ कर दिया गया है। एमसीडी अनुसार सफाई में सुपर सकर मशीनें, सक्शन कम जेटिंग मशीनें, सक्शन मशीनें, जेटिंग मशीनें, पोक लेन, बैकहो लोडर और ट्रक शामिल हैं।

465 मोबाइल और सबमर्सिबल पंप कराए गए उपलब्ध

दिल्ली नगर निगम इसके लिए लोक निर्माण विभाग, डीएसआआइडीसी व सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ भी समन्वय कर रहा है ताकि अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी नालों की व्यापक सफाई सुनिश्चित की जा सके। एमसीडी द्वारा बताया गया कि जलभराव की समस्याओं से निपटने के लिए 72 स्थायी पंपिंग स्टेशन कार्यशील हैं, जबकि 465 मोबाइल और सबमर्सिबल पंप उपलब्ध कराए गए हैं।

इसके अतिरिक्त नगर निगम ने सभी क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पोर्टेबल पंप तैनात किए हैं। मुख्यालय और सभी 12 क्षेत्रों में नियंत्रण कक्ष चालू हैं, जिससे नागरिक जलभराव, पेड़ों के गिरने और इमारतों को हुए नुकसान से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।


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