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11 मौतों में खुलासा, पूजा के बाद सबको बरगद की जटाओं की तरह था लटकना

पुलिस को पता चला है कि ललित के कहने पर परिवार के सभी सदस्य पिछले छह दिनों तक रोज आधी रात में एक बजे के आसपास वट पूजा करते थे।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 04 Jul 2018 09:56 AM (IST)
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11 मौतों में खुलासा, पूजा के बाद सबको बरगद की जटाओं की तरह था लटकना
नई दिल्ली (जेएनएन)। क्राइम ब्रांच की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, अध्यात्म साधना के बारे में पुलिस को नई जानकारी मिलती जा रही है। नारायण देवी के घर से मंगलवार को मिले एक और रजिस्टर से पुलिस को पता चला है कि ललित के कहने पर परिवार के सभी सदस्य पिछले छह दिनों तक रोज आधी रात में एक बजे के आसपास वट पूजा करते थे। सातवें दिन बरगद की जटाओं की तरह लटक कर अंतिम पूजा की जानी थी।

जांच से पता चला है कि 17 जून को जब प्रियंका की मंगनी थी, तब ललित के घर में कई रिश्तेदार आए थे। वे लोग 23 जून तक वहां रुके थे, जिससे ललित 17-23 जून तक घर के सदस्यों की दिनचर्या संबंधी बातें रजिस्टर में दर्ज नहीं कर पाया था। पुलिस को नियमित तौर पर उक्त दिनचर्या लिखने संबंधी दो रजिस्टर पहले ही मिल चुके हैं।

मंगलवार को जो रजिस्टर मिला था, उसमें 24 जून से नियमित रूप से सभी की दिनचर्या संबंधी बातें लिखी हैं। इसमें यह भी लिखा हुआ है कि कोई भी किसी बाहरी व्यक्ति से नोटबुक अथवा रजिस्टर में दिनचर्या लिखने संबंधी बातें नहीं बताएगा। सभी को सात दिनों तक वट पूजा करनी है। 24 जून से 29 जून यानी छह दिनों तक एक जैसी पूजा करनी है। उक्त पूजा के बारे में विस्तार से बातें लिखी हुईं मिलीं। आंखों पर पट्टी बांधकर, बिना नहाए-धोए व हाथ खुला रखकर सभी को साधना करने की बातें लिखी हुई हैं।

रजिस्टर में 30 जून को सातवें दिन बरगद की जटाओं की तरह लटककर पूजा करने की बात लिखी हुई है। उसमें लिखा हुआ है कि उस रात सभी प्लास्टिक के तार, चुन्नी अथवा साड़ी से जाली के जरिये फंदा बनाकर बरगद की जटाओं की तरह लटककर साधना करेंगे। सभी आखें बंद कर निरंतर मंत्र का जाप करते रहेंगे। किसी की मौत नहीं होगी। साधना के दौरान सभी कटोरे में पानी रखेंगे। जैसे ही पानी का रंग बदलेगा भगवान और पिता प्रकट हो जाएंगे। वे किसी को मरने नहीं देंगे।

गौरतलब है कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में रविवार सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले थे। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।

बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।

रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। उससे पहले तारा प्रसाद शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था। उन्होंने पड़ोसियों के अलावा पुलिस को सूचना दी थी। अब जिला पुलिस समेत क्राइम ब्रांच की 12 टीमें जांच कर रही हैं।

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इन लोगों की हुई मौत

1. नारायण देवी (77)

2. प्रतिभा (नारायण की बेटी, 57)

3. प्रियंका (नारायण की नातिन, 33)

4. भुवनेश उर्फ भूपी (बड़ा बेटा, 50)

5. श्वेता (भुवनेश की पत्नी, 48 )

6. नीतू (भुवनेश की बड़ी बेटी, 25)

7. मीनू (भुवनेश की छोटी बेटी, 23)

8. ध्रुव (भुवनेश का बेटा, 15)

9. ललित (छोटा बेटा, 45)

10. टीना (ललित की पत्नी, 42)

11. शिवम (ललित का बेटा, 15)

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