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रातों की नींद है गायब तो आयुर्वेद एम्स में कराएं इलाज, बिना दवाईयों के समस्या से मिलेगा छुटकारा

एम्स आयुर्वेद अस्पताल दिल्ली में अब नींद से जुड़ी बीमारियों की जांच और इलाज सस्ती दरों पर होगा। पॉली सोनोग्राफी यूनिट की स्थापना के साथ मरीजों को अब निजी अस्पतालों में मंहगी जांच के लिए नहीं जाना पड़ेगा। यहां पर न्यूनतम दरों पर आसानी से नींद से जुड़े मरीजों की जांच होगी। आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से बिना दवाओं के भी मरीजों का इलाज किया जाएगा।

By shani sharma Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 03 Sep 2024 09:30 AM (IST)
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आयुर्वेद संस्थान में सोनोग्राफी यूनिट में उपचार कराता मरीज। फोटो- सौ. एआईआईए

शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। यदि आपकी रातों की नींद खर्राटों या अन्य किसी वजह से गायब है तो अब आप इसकी सस्ती जांच और उपचार सरिता विहार स्थित एआईआईए (अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान) में करा सकते हैं। यहां पर पाली सोनोग्राफी यूनिट स्थापित की गई है। इसमें जल्द ही सस्ती दरों पर अनिंद्रा से जुड़ी बीमारियों की जांच शुरू होगी।

एआईआईए में अभी तक पाली सोनोग्राफी यूनिट न होने से पीड़ित मरीजों को वापस भेजना पड़ता था। वहीं जांच के लिए पाली सोनोग्राफी मशीन भी नहीं थी। संस्थान में महीने में एक हजार से ज्यादा मरीज नींद की समस्या से ग्रसित आते हैं। इसलिए इन मरीजों की सुविधा के लिए ही ये पाली सोनोग्राफी यूनिट स्थापित की गई है। अभी इसका ट्रायल चल रहा है, जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा।

रातभर अध्ययन के बाद मरीज की होगी जांच

इस यूनिट में नींद की बीमारी की जांच रातभर के अध्ययन के बाद होगी। मरीज पर मशीन से जुड़े कई तार लगाए जाते हैं। जब मरीज सो जाता है तो उसकी हर गतिविधियों की नाइट विजन कैमरे से रिकार्डिंग होती है। इस दौरान मरीज के ऑक्सीजन, सांस की गति, खर्राटे की गति व ध्वनि, सांस लेने के दौरान गर्म हवा ग्रहण करने की जांच होती है।

पाली सोनोग्राफी के तहत मस्तिष्क की तरंगों, रक्त में ऑक्सीजन के स्तर और नींद के दौरान हृदय गति और श्वास को रिकॉर्ड किया जाता है। यह आंख और पैर की हरकतों को भी मापता है।

इससे नींद के चरणों और चक्रों पर नजर रखी जाती है। इससे पता चलता है कि नींद का पैटर्न कब और क्यों बाधित हुआ है। इसका पूरा डेटा कंप्यूटर में रिकार्ड होता है, फिर रिकॉर्ड जांचकर मरीज का उपचार शुरू किया जाता है।

निजी अस्पताल वसूलते हैं 18 से 20 हजार रुपये

इस जांच के लिए वर्तमान में निजी अस्पताल 18 से 20 हजार रुपये वसूल लेते हैं। ऐसे में गरीब तबके के लोग अपनी जांच नहीं करा पाते हैं। अब एआईआईए में यह जांच न्यूनतम दरों पर की जाएगी।

प्रबंधन की तरफ से आकलन किया जा रहा है। संस्थान में आने वाले 100 मरीजों में से 30 नींद की बीमारी से संबंधित आ रहे हैं। पिछले दिनों चिकित्सा शिविर में यह आंकड़े सामने आए थे।

बिना दवाईयों से होगा बीमारी का उपचार

एआईआईए के डाक्टरों का प्रयास है कि पाली सोनोग्राफी के बाद बिना दवाईयों से मरीज का उपचार किया जा सके। मरीज को आयुर्वेद उपचार के माध्यम से ठीक करने का प्रयास किया जाएगा। मरीज की रिपोर्ट के आधार पर उसे बताया जाएगा कि उसे कैसे और कब सोना है। यदि दवाईयों की जरूरत पड़ेगी तो उसे आयुर्वेद औषधि ही दी जाएंगी।

संस्थान में पाली सोनोग्राफी यूनिट को बहुत जल्द शुरू कर दिया जाएगा। यहां पर न्यूनतम दरों पर आसानी से नींद से जुड़े मरीजों की जांच होगी। दरों को तय करने के लिए विचार-विमर्श किया जा रहा है। - डॉ. तनुजा नेसारी, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान

पाली सोनोग्राफी यूनिट शुरू होने से अनिंद्रा के मरीजों को जांच के लिए निजी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। वह सस्ती दरों पर आयुर्वेद के तहत अपना उपचार करा सकेंगे। - डॉ. मीरा के भोजानी, एडिशनल प्रोफेसर, क्रिया शरीर विभाग