Aiims: एम्स के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक में है 50 प्रतिशत डाक्टरों की कमी, पढ़े पूरी खबर
एम्स का बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक डाक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है। इसी वजह से सर्जरी ब्लाक में बने तीनों आपरेशन थियेटर अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं। विभागा को एनएबीएच (नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड आफ हॉस्पिटल) प्रमाण पत्र हासिल करने में बाधा बनी हुई है।
By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Nitin YadavUpdated: Sat, 21 Jan 2023 01:45 PM (IST)
रणविजय सिंह, नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एम्स का बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक डाक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है। मौजूदा समय में इस ब्लाक में करीब 50 प्रतिशत डाक्टरों की कमी है। इसी वजह से इस ब्लाक में अब तक तीन आपरेशन थियेटर शुरू नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा डाक्टरों की कमी एम्स के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक को एनएबीएच (नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड आफ हॉस्पिटल) प्रमाण पत्र हासिल करने में भी आड़े आ रही है। इसके मद्देनजर बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक प्रशासन ने एम्स प्रशासन से जल्दी डाक्टरों की नियुक्ति करने की मांग की है। ताकि बर्न व प्लास्टिक सेंटर में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ एनएबीएच प्रमाण पत्र भी हासिल हो सके।
उल्लेखनीय है कि एम्स प्रशासन ने चिकित्सा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पिछले वर्ष संस्थान के मुख्य अस्पताल सहित सभी सेंटरों को एनएबीएच प्रमाण पत्र हासिल करने का निर्देश दिया था। सबसे पहले बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक को एनएबीएच से प्रमाणित कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत अगले माह फरवरी या मार्च तक इस ब्लाक के लिए प्रमाण पत्र हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए ब्लाक के सभी नर्सिंग कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया गया है। लेकिन असल समस्या डाक्टरों की कमी है।
एम्स का बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक सफदरजंग अस्पताल के बर्न सेंटर के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा सेंटर है। इसमें 100 बेड की सुविधा है। पिछले वर्ष इसमें चिकित्सा सुविधाएं शुरू हुई थी। इस ब्लाक में फैकल्टी स्तर के डाक्टरों के 13 स्वीकृत पद हैं। जबकि मौजूदा समय में छह फैकल्टी हैं।
वहीं, वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टरों के 47 पद है। मौजूदा समय में 23 वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टर कार्यरत हैं। लिहाजा फैकल्टी स्तर के सात डाक्टरों व 24 वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टरों की कमी है। इस वजह से इस ब्लाक में अभी छह में से तीन आपरेशन थियेटर ही संचालित किए जा रहे हैं। तीन आपरेशन थियेटर अभी बंद हैं। इस वजह से अभी क्षमता के अनुरूप इस ब्लाक में मरीजों की सर्जरी नहीं हो पा रही है। हालांकि, इस ब्लाक में बर्न व प्लास्टिक सर्जरी से संबंधित इलाज की अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
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