एम्स डॉक्टर ने की सुसाइड, पुलिस का खुलासा : दिन में दवा खाकर किया था आत्महत्या का प्रयास
एम्स के डॉ का कहना है डॉ. मनीष शर्मा की जान बचाई जा सकती थी। जिस समय उन्होंने आत्महत्या का पहला प्रयास किया था, उस समय उनका इलाज करने के साथ मनोचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए था।
By Edited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 03:58 PM (IST)
दिल्ली, जेएनएन। एम्स के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मनीष शर्मा ने गौतम नगर में किराये के घर की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने दिन में भी कुछ दवा खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन उनके घर में परिजन के चिकित्सक होने के कारण उन्हें दिन में बचा लिया गया। आत्महत्या करने का कारण घरेलू कलह बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक गौतम नगर में किराये के मकान में रहने वाले डॉ. मनीष शर्मा एम्स में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर थे।
अस्पताल ले जाते समय हुई मौत
मंगलवार की रात में उन्होंने तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। गंभीर रूप से घायल होने पर उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस को जांच में पता लगा कि डॉ. मनीष शर्मा ने दिन में भी कुछ दवा खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था, लेकिन उनकी पत्नी व परिवार में कई लोगों के चिकित्सक होने के कारण उन्हें बचा लिया गया। हाल ही में डॉ. मनीष का डीएम आंकोलॉजी का भी नतीजा आया था। जिसमें वह सफल रहे थे। बच सकती थी जान
एम्स के चिकित्सकों का कहना है डॉ. मनीष शर्मा की जान बचाई जा सकती थी। जिस समय उन्होंने आत्महत्या का पहला प्रयास किया था, उस समय उनका इलाज करने के साथ उन्हें किसी मनोचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए था। आत्महत्या करने का विचार आना मानसिक विकार है। जो किसी भी कारण से हो सकता है। ऐसे में समय रहते अगर व्यक्ति को मनोचिकित्सक के पास ले जाया जाए, तो आत्महत्या करने का मन बनाने वाले लोगों को बचाया जा सकता है।
मंगलवार की रात में उन्होंने तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। गंभीर रूप से घायल होने पर उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस को जांच में पता लगा कि डॉ. मनीष शर्मा ने दिन में भी कुछ दवा खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था, लेकिन उनकी पत्नी व परिवार में कई लोगों के चिकित्सक होने के कारण उन्हें बचा लिया गया। हाल ही में डॉ. मनीष का डीएम आंकोलॉजी का भी नतीजा आया था। जिसमें वह सफल रहे थे। बच सकती थी जान
एम्स के चिकित्सकों का कहना है डॉ. मनीष शर्मा की जान बचाई जा सकती थी। जिस समय उन्होंने आत्महत्या का पहला प्रयास किया था, उस समय उनका इलाज करने के साथ उन्हें किसी मनोचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए था। आत्महत्या करने का विचार आना मानसिक विकार है। जो किसी भी कारण से हो सकता है। ऐसे में समय रहते अगर व्यक्ति को मनोचिकित्सक के पास ले जाया जाए, तो आत्महत्या करने का मन बनाने वाले लोगों को बचाया जा सकता है।
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