Good News: एम्स का दावा, पर्याप्त कार्निया मिले तो 10 हजार दृष्टि बाधितों की आंखों को मिल सकती है रोशनी
Delhi AIIMS एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डा. जेएस तितियाल ने बताया कि कोरोना को पहले एम्स में हमेशा 450-500 मरीज कार्निया प्रत्यारोपण के लिए वेटिंग में होते थे। तब हर साल एक हजार से अधिक मरीजों को कार्निया प्रत्यारोपण होता था। कोरोना के दौरान यह सुविधा प्रभावित रही।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना के बाद एम्स के आरपी सेंटर में कार्निया प्रत्यारोपण बढ़ रहा है। लेकिन पहले की तुलना में कार्निया प्रत्यारोपण के लिए मरीजों की वेटिंग भी दोगुनी हो गई है। एम्स के डाक्टरों के सामने समस्या यह है कि कार्निया प्रत्यारोपण के जरिये आंखों की रोशनी लिए जितने मरीज इंतजार कर रहे हैं उसके अनुसार कार्निया दान नहीं हो पा रहा है।
इसलिए वेटिंग की सूची लंबी होती जा रही है। एम्स के डाक्टर कहते हैं कि यदि नेत्रदान के प्रति लोगों में उत्साह बढ़े और प्रर्याप्त संख्या में कार्निया मिले तो एम्स का आरपी सेंटर हर साल 10 हजार दृष्टि बाधित लोगों की आंखों को रोशनी दे सकता है। नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए एम्स ने इन दिनों पखवाड़े भर का अभियान भी शुरू किया है। ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके।
एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डा. जेएस तितियाल ने बताया कि कोरोना को पहले एम्स में हमेशा 450-500 मरीज कार्निया प्रत्यारोपण के लिए वेटिंग में होते थे। तब हर साल एक हजार से अधिक मरीजों को कार्निया प्रत्यारोपण होता था। कोरोना के दौरान यह सुविधा प्रभावित रही। इस वजह से अब कार्निया प्रत्यारोपण के लिए मरीजों का दबाव दोगुना से ज्यादा हो गया है।
एम्स में 570 मरीजों की आंखों को मिली रोशनी
मौजूदा समय में 1200 मरीज वेटिंग में हैं। जिसमें छह साल से कम उम्र के बच्चे, दोनों आंखों से दृष्टि बाधित व्यक्ति व संक्रमण के कारण आंखों की रोशनी गंवाने वाले मरीज शामिल हैं। वर्ष 2021-22 में एम्स में 570 मरीजों की आंखों को कार्निया प्रत्यारोपण से रोशनी मिली।
इस साल अप्रैल से अगस्त के बीच कार्निया प्रत्यारोपण सर्जरी और भी बढ़ी है। फिर भी कोरोना से पहले के मुकाबले 70 प्रतिशत प्रत्यारोपण ही हो पा रहा है। दिक्कत यह है कि जितना कार्निया दान में मिलना चाहिए उतना नहीं मिल पा रहा है।
एम्स में हर साल 10 हजार कार्निया प्रत्यारोपण करने की क्षमता है। मरीजों की वेटिंग के अनुसार एम्स में हर साल तीन हजार कार्निया प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। जबकि एक साल में अधिकतम करीब 1800 कार्निया प्रत्यारोपण सर्जरी हो पाई है।
कार्निया दान के लिए उठाए गए कदम
उन्होंने कहा कि कार्निया दान को बढ़ावा देने के लिए अस्पताल में मौत के हर मामले का नोटिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। किसी मरीज की मौत के बाद परिजनों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करने के लिए काउंसलरों की संख्या बढ़ा दी गई है। इस कार्य के लिए 10 काउंसलर नियुक्त किए गए हैं।
अस्पताल में 24 घंटे काउंसलर तैनात रहते हैं। किसी मरीज की मौत होने पर डाक्टर व काउंसलर मिलकर पीड़ित परिवार को कार्निया दान कराने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके अलावा जागरूकता अभियान में गैर सरकारी संगठनों की भी मदद ली जा रही है।