सर्विकल कैंसर की जल्द पहचान के लिए स्वदेशी किट का ट्रायल शुरू, फ्रांस से आए 1200 सैंपल
सर्विकल कैंसर की जल्दी पहचान के लिए एचपीवी जांच की स्वदेशी किट का ट्रायल शुरू किया गया है। फ्रांस के लियोन से लाए गए सर्विकल कैंसर के 1200 मरीजों के सैंपल पर एम्स व आईसीएमआर के दो लैब में यह ट्रायल किया जाएगा। सर्विकल कैंसर एचपीवी वायरस के संक्रमण से होता है। स्क्रीनिंग से बीमारी को शुरुआती दौर में पता लगाकर इलाज और इस बीमारी की रोकथाम संभव है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सर्विकल कैंसर की जल्दी पहचान के लिए एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) जांच की स्वदेशी किट का ट्रायल शुरू किया गया है।
फ्रांस के लियोन से लाए गए सर्विकल कैंसर के 1200 मरीजों के सैंपल पर एम्स व भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) के दो लैब में यह ट्रायल किया जाएगा।इसमें आईसीएमआर के मुंबई स्थित एनआईआरआरसीएच (राष्ट्रीय प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान) व नोएडा स्थित राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान (एनआइसीपीआर) के लैब शामिल हैं।
शुक्रवार को एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने इस ट्रायल का शुभारंभ किया। इस ट्रायल में स्वदेशी किट की गुणवत्ता को वैश्विक मानकों की कसौटी पर कसा जाएगा।
एचपीवी रहा जांच रही सफल तो..
यदि परिणाम वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल होने वाली एचपीवी जांच के अनुरूप आया तो एचपीवी जांच की स्वदेशी तकनीक सर्विकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल हो सकती है। क्योंकि यह स्वदेशी किट सस्ती होगी।एम्स के गायनी विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष और इस ट्रायल में अहम भूमिका निभाने वाली डॉ. नीरजा भाटला ने बताया कि दुनिया भर में हर वर्ष सर्विकल कैंसर से करीब छह लाख 63 हजार महिलाएं पीड़ित होती हैं और करीब तीन लाख 48 हजार महिलाओं की मौत हो जाती है।देश में हर वर्ष सर्विकल कैंसर से करीब सवा लाख महिलाएं पीड़ित होती हैं और इस बीमारी के कारण करीब 80 हजार महिलाओं की मौत हो जाती है। इसका कारण यह है कि महिलाएं एडवांस स्टेज में इलाज के लिए पहुंचती हैं।
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