Move to Jagran APP

AIIMS में चार साल में होगी पांच हजार बेड की सुविधा

एम्स को विश्वस्तरीय मेडिकल विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना पर जल्द अमल शुरू होगा।

By Pooja SinghEdited By: Updated: Sun, 23 Feb 2020 11:53 AM (IST)
Hero Image
AIIMS में चार साल में होगी पांच हजार बेड की सुविधा
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। एम्स को विश्वस्तरीय मेडिकल विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना पर जल्द अमल शुरू होगा। एम्स प्रशासन ने अगले चार साल में इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत एम्स के पुराने भवनों की जगह नए बहुमंजिला भवन बनाए जाएंगे, जिससे एम्स की बेड क्षमता दोगुनी हो जाएगी। एम्स की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि यह योजना पूरी होने पर दिल्ली एम्स में कम से कम 5000 बेड की सुविधा होगी।

एम्स और उसके सेंटरों को मिलाकर मौजूदा समय में करीब 2483 बेड की सुविधा है। इसमें 288 बेड प्राइवेट वार्ड में हैं। इसके अलावा गाजियाबाद स्थित नेशनल ड्रग डिपेंडेंस टिटमेंट सेंटर (एनडीडीटीसी) में 50, सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में 50 बेड व टेंडल सेंटर में 17 ट्राइएज बेड हैं। इन तीन सेंटरों व प्राइवेट वार्ड को यदि छोड़ दें तो जनरल वार्ड के 2078 बेड उपलब्ध हैं।

एम्स में प्रतिदिन करीब 12 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। एम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब साठ साल में संस्थान में मरीजों की संख्या करीब दस गुना बढ़ी है। लेकिन, मरीजों के अनुपात में एम्स के बुनियादी ढांचे में विस्तार नहीं हो सका है। इसके मद्देनजर एम्स के मास्टर प्लान की योजना को केंद्र सरकार ने पिछले साल फरवरी में स्वीकृति दी थी। इसके तहत 9053 करोड़ की लागत से एम्स का विस्तार होगा। इसके तहत संस्थान में करीब तीन हजार अतिरिक्त बेड जोड़े जाएंगे।

इस तरह 2024 तक प्राइवेट वार्ड को मिलाकर 5000 से अधिक बेड उपलब्ध हो जाएंगे। खास बात यह है कि एम्स का मुख्य अस्पताल, ट्रॉमा सेंटर और उसके आवासीय परिसर को मिलाकर यह पांच हिस्सों में विभाजित है।

मास्टर प्लान के अनुसार इसे एम्स के एक परिसर के रूप में विकसित किया जाएगा। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि संस्थान को विश्वस्तरीय मेडिकल विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करना है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंसलटेंट की छह माह में नियुक्ति कर ली जाएगी, जो कि योजना की डिजाइन तैयार करेंगे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।