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Air Pollution: दिल्ली-NCR में निर्माण कार्य-खनन पर रोक, GRAP का तीसरा चरण लागू; जानिए नई पाबंदियां

दिल्ली एनसीआर में ठंड बढ़ते ही वायु प्रदूषण बढ़ गया है। यानी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रदूषण को कम करने के लिए एक बार फिर से दिल्ली एनसीआर में ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का तीसरा चरण लागू कर कर दिया है।

By sanjeev GuptaEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 30 Dec 2022 06:02 PM (IST)
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दिल्ली NCR में निर्माण कार्य-खनन पर लगी रोक, ये वाहन भी हुए बैन; GRAP का तीसरा चरण लागू
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली एनसीआर में ठंड बढ़ते ही वायु प्रदूषण बढ़ गया है। यानी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रदूषण को कम करने के लिए एक बार फिर से दिल्ली एनसीआर में ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का तीसरा चरण लागू कर कर दिया है। अब खनन, निर्माण कार्य सहित कई कामों पर पाबंदियां लागू हो गई हैं।

दिल्ली का शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 399 पर रहा, जो गंभीर श्रेणी से सिर्फ दो पायदान नीचे है। राजधानी से सटे शहरों गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद में भी वायु की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में है। आइएमडी के मुताबिक, नए साल में और ज्यादा सर्दी पड़ने वाली है। इससे वायु गुणवत्ता गंभीर से बेहद गंभीर में जा सकती है।

निर्माण कार्य और तोड़फोड़ पर रोक

CAQM द्वारा लगाए गए GRAP-3 के प्रतिबंधों के अंतर्गत अब दिल्ली के सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा किसी भी तरह के तोड़फोड़ पर भी रोक लग गई है। साथ ही खनन पर भी बैन लगाया गया है। ईंट-भट्ठे पर भी बैन लगा दिया गया है। दिल्ली सरकार ने इसे लागू भी कर दिया है। वहीं, बीएस-3 पेट्रोल (BS-3 Petrol Vehicle) और बीएस-4 डीजल (BS-4 Deisel Vehicle) पर बैन (एनसीआर में प्रतिबंध) लगाने का फैसला राज्य सरकार पर छोड़ दिया गया है।

यहां लागू नहीं होगा तीसरा चरण

सीएक्यूएम ने कई सरकारी और जरूरी प्रोजेक्ट्स पर रोक नहीं लगाई है। जिनमें रेलवे, मेट्रो रेल, एयरपोर्ट और अंतरराज्यीय बस अड्डे, राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के लिए जरूरी प्रोजेक्ट पर ग्रेप के तीसरे चरण के प्रविधान लागू नहीं होंगे। अस्पताल, हाईवे, फ्लाईओवर, पुल, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर सप्लाई प्लांट पर भी रोक नहीं रहेगी। दूध-डेयरी, दवा सहित अन्य जरूरी चीजों पर बैन नहीं रहेगा।

बता दें कि सुबह के समय पूरे दिल्ली-NCR में कोहरे और धुंध की चादर छाई रहती है। इस कारण लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को गले में खराश से लेकर आंखों में जलन जैसी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।

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AQI से वायु प्रदूषण का चलता है पता

वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) एक नंबर होता है, जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता को आंका जाता है। इससे वायु में मौजूद प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है। एक्यूआई की रीडिंग के आधार पर हवा की गुणवत्ता को छह कैटेगरी में बांटा गया है। शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, और 401 और 500 के बीच AQI को गंभीर माना जाता है।

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