Delhi Pollution: धीमा जहर है प्रदूषण, धीरे-धीरे कहीं बन न जाए जानलेवा; डॉक्टरों ने N-95 मास्क लगाने की दी सलाह
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच खांसी जुकाम की बीमारी बढ़ गई है। गले में खराश महसूस होने लगी है। साथ ही अस्पतालों में सांस के मरीज भी बढ़ गए हैं। डॉक्टर कहते हैं कि प्रदूषण धीमा जहर है। सांस के जरिये प्रदूषक तत्व शरीर में पहुंचकर पहले सांस की नली फेफड़े को प्रभावित करती है बाद में हार्ट अटैक व कैंसर जैसी बीमारी का कारण बनता है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Pollution in Delhi: राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच खांसी, जुकाम की बीमारी बढ़ गई है। गले में खराश महसूस होने लगी है। साथ ही अस्पतालों में सांस के मरीज भी बढ़ गए हैं। डॉक्टर कहते हैं कि प्रदूषण धीमा जहर है। सांस के जरिये प्रदूषक तत्व शरीर में पहुंचकर पहले सांस की नली, फेफड़े को प्रभावित करती है, बाद में हार्ट अटैक व कैंसर जैसी बीमारी का कारण बनता है।
इसलिए लोग प्रदूषण को नजरअंदाज न करें। बचाव के लिए एन-95 मास्क का इस्तेमाल करें। सामान्य मास्क प्रदूषण से बचाव में खास कारगर नहीं है।
बढ़ जाती है ठंड
अपोलो अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ सुबह के वक्त ठंड भी बढ़ रही है। ठंड के साथ प्रदूषण ज्यादा खतरनाक हो जाता है और हृदय की बीमारियां भी बढ़ जाती है।
लोगों में खांसी जुकाम की समस्या बढ़ी
मौसम में हो रहे बदलाव और प्रदूषण के कारण बहुत लोगों को खांसी जुकाम की समस्या हो रही है। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। प्रदूषण धीमा जहर होता है। इस वजह से अगले कुछ दिनों में सेहत पर प्रदूषण का असर अधिक दिखेगा।
कोरोना के बाद अब भी एन-95 मास्क लगाने का दौर
कोरोना के दौर में संक्रमण से बचाव के लिए सभी लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे थे। प्रदूषण के मद्देनजर अभी सभी लोगों को मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। सामान्य मास्क से वातावरण में मौजूद सूक्ष्म कण नहीं रुक पाते। इसलिए एन-95 मास्क का इस्तेमाल बेहतर होता है। अधिक प्रदूषित जगह पर रहने पर एयर प्यूरिफायर लगा सकते हैं।
गठिया व जोड़ों के दर्द की बढ़ सकती है परेशानी
प्रदूषण के कारण गठिया और जोड़ों के दर्द की परेशानी भी बढ़ जाती है। एम्स के रुमेटोलाजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. उमा कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा किए गए शोध में यह देखा गया है कि वातावरण में पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने पर शरीर में सूजन वाले मार्कर बढ़ जाते हैं।
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इस वजह से गठिया और आटोइम्युन की बीमारी बढ़ जाती है। इसलिए गठिया के मरीजों को सतर्क रहना चाहिए और घर से बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।