गैस चैंबर बनी दिल्ली: घर से बाहर निकलें तो पहनें N95 मास्क, कई इलाकों में शाम 7 बजे भी AQI 900 पार
Delhi Air Quality दिल्ली की हवा दम घोंट रही है। गैस चैंबर बनी दिल्ली में सांस लेने के लिए मास्क लगाना जरूरी हो गया है। चिकित्सक घर से बाहर न निकलने की सलाह दे रहे हैं। सोमवार को शाम सात भी एक्यूआई (AQI) कई जगहों पर 900 के पार था। बच्चों से लेकर बुजुर्गों और युवाओं के लिए स्वास्थ्य के लिए दिल्ली की हवा खतरनाक है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Delhi NCR Pollution: देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा जहरीली बनी हुई है। ग्रेप का चौथा चरण लागू है, लेकिन वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो रहा है। दिल्ली के कई ऐसे इलाके हैं, जहां शाम को 4 से 5 बजे के बीच एक्यूआई 1000 के पार रहा या आसपास रहा। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई खतरनाक स्तर यानी 450 से ऊपर ही है।
दिल्ली में स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां भी बढ़ गई हैं। दिल्ली के अस्पतालों में सांस लेने में दिक्कत और गले में जलन जैसे परेशानी वाले मरीज भी ज्यादा संख्या में आ रहे हैं। स्वास्थ्य सलाहकार लोगों को एन95 मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं, ताकि प्रदूषण से बचा जा सके।
इसके अलावा बिना जरूरी काम के घर से बाहर न जालने की सलाह दी गई है। दिल्ली में फिलहाल जितना एक्यूआई रह रहा है, उससे सांस और हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
दिल्ली में कहां सबसे ज्यादा एक्यूआई
दिल्ली में सोमवार (18 नवंबर) शाम सात बजे एक्यूआई गंभीर श्रेणी से लेकर खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। आनंद विहार में एक्यूआई 936, जहांगीरपुरी में 871, मदर डेयरी में 908, मुंडका में 839, नई दिल्ली में 731, ग्रीन पार्क में 706, मंदिर मार्ग में 746, पंजाबी बाग में 809, इहबास में 915, दर्ज किया गया। गाजियाबाद के वसुंधरा में एक्यूआई 1176 एनसीआर में फिलहाल सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है।सतर्क रहने की बहुत जरूरत
सर गंगा राम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. उज्ज्वल पारख ने कहा कि लोगों को बेहद सतर्क रहने की ज़रूरत है। हर किसी को जितना संभव हो सके बाहर निकलने से बचना चाहिए। अगर उन्हें बाहर जाना ही है तो वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए मास्क का उपयोग करना चाहिए। मास्क एन95 ज्यादा कारगर है।ये भी पढ़ें- दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर डॉक्टर ने चेताया, घर से बाहर निकलना हो सकता है खतरनाक; पढ़ें बचाव के उपाय
उन्होंने खिड़कियां और दरवाजे बंद रखने और HEPA-फिल्टर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी। पारख ने कहा कि हाइड्रेटेड रहने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पीना भी जरूरी है। फेफड़ों की बीमारियों वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और अपनी दवाओं का नियमित सेवन करना चाहिए।
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