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Bomb Threats: धमकी देने वालों की बार-बार बदल रही लोकेशन; किसी की तुर्किए, किसी की जर्मनी तो किसी की इस्तांबुल बता रहा

दिल्ली पुलिस को विमानों को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले की जांच में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। धमकी देने वाले वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे उनकी वास्तविक लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो गया है। पुलिस को संदेह है कि आरोपित देश के ही किसी हिस्से से मैसेज भेज रहे हैं।

By Gautam Kumar Mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 24 Oct 2024 09:36 PM (IST)
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एयरलाइंस कंपनियों को धमकी देने वालों की बार-बार बदल रही लोकेशन।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विमानों को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के हाथ फिलहाल खाली हैं। फिलहाल पुलिस की जांच पूरी तरह तकनीकी छानबीन के भरोसे है। अभी तक पुलिस के हाथ भले ही कोई ठोस जानकारी नहीं आई है लेकिन जितनी जानकारी अभी मिली है, उससे लगता है कि धमकी देने वाले बेहद शातिर हैं।

धमकी देने वाले वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पुलिस को आरोपितों की लोकेशन के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। पुलिस जब धमकी से भरे मैसेज भेजने वालों का पता लगाने के लिए उसके आईपी एड्रेस को खंगालती है तो उनकी लोकेशन जर्मनी और तुर्किए दर्शाई जाती है।

मोबाइल या लैपटॉट में वीपीएन का इस्तेमाल

सूत्रों के अनुसार, उड़ानों में बम की धमकी देने वाले दो ग्रुप हैं। यह मोबाइल या लैपटॉट में वीपीएन का इस्तेमाल कर रहे हैं। जब पुलिस इनका पता लगाने की कोशिश करती है तो किसी की लोकेशन तुर्की, किसी की इस्तांबुल और किसी की जर्मनी दिखाई दे रही है।

पुलिस जब वहां पर पता लगाने की कोशिश करती है तो लोकेशन फिर से बदल जाती है। पुलिस का कहना है कि इस बात की पूरी आशंका है कि आरोपित देश के ही किसी हिस्से से मैसेज भेज रहे हैं, लेकिन वीपीएन की मदद से वे लोकेशन को बदलते रहते हैं।

देश के ही किसी हिस्से से भेज रहे मैसेज

पुलिस सूत्रों का कहना है कि जब धमकी भरे मैसेज की गंभीरता से जांच की तो पाया कि यह एक से दो ग्रुप के लोगों का काम है। जिस तरह से वह मैसेज में भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह भी यूरोपियन नागरिक इस्तेमाल नहीं करते हैं। आरोपित धमकी देने के लिए एक्स पर नई आइडी बनाते हैं।जिनमें कुछ को वह कुछ घंटे के बाद डिलीट कर देते हैं और कुछ डिलीट नहीं हो पाती हैं। फिलहाल एयरलाइंस कंपनियों को तो करोड़ों रुपये का नुकसान हो रही है।

यात्रियों के साथ एयरलाइंस को भी परेशानी

विमानों को उड़ाने की धमकी देने वाले किस मकसद से ऐसा कर रहे हैं, यह तो जांच का विषय है, लेकिन अभी फिलहाल जिन उड़ानों को उड़ाने की धमकी दी जाती है, उससे न केवल यात्री बल्कि एयरलाइंस, एयरपोर्ट सुरक्षा व प्रबंधन से जुड़ी तमाम एजेंसियां सभी को जूझना पड़ रहा है। इसे आप ऐसे समझें कि घमकी भरे काल को सभी एजेंसियां गंभीरता से लेती हैं।

विमानों को आइसोलेशन बे में ले जाया जाता है

उड़ान की लैंडिंग जब होती है, तब धमकी के मद्देनजर यात्रियों के उतारे जाने के बाद विमानों को आइसोलेशन बे में ले जाया जाता है। इसके बाद विमान के लगेज व पूरे विमान की तलाशी ली जाती है। इस बीच यात्री लगेज की तलाशी पूरी होने तक इंतजार करते हैं। इस बीच ऐसे यात्री जिनकी कनेक्टिंग फ्लाइट होती है, उनमें से कईयों की फ्लाइट छूट जाती है। सुरक्षा एजेंसियां व एयरपोर्ट प्रबंधन के कई कर्मी इस पूरी प्रक्रिया के दौरान विमान के आसपास पूरी व्यवस्था पर नजर बनाए रखते हैं।

इन घटनाओं से बिगड़ रही समय सारिणी

कई बार इमरजेंसी लैंडिंग की नौबत यदि बीच यात्रा में पड़ जाए तो क्रू की डयूटी अवधि खत्म हो जाए तो नए क्रू सदस्यों की व्यवस्था करनी पड़ती है। विमानन कंपनियों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं के कारण उड़ानों की पूरी समय सारिणी बिगड़ जाती है। यात्री एयरपोर्ट पर फंस जाते हैं। उनके रहने, खाने पीने सभी का खर्च एयरलाइंस को वहन करना पड़ता है।

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