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'आप' के साथ गठबंधन को लेकर माकन ने तोड़ी चुप्पी, बोले- केजरीवाल के साथ नहीं मिलेगा हाथ

अजय माकन ने ने दावा किया कि कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है और अब जनता केजरीवाल की असलियत को पहचान चुकी है और उन्हें नकार रही है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sun, 03 Jun 2018 06:05 PM (IST)
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'आप' के साथ गठबंधन को लेकर माकन ने तोड़ी चुप्पी, बोले- केजरीवाल के साथ नहीं मिलेगा हाथ
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली में चुनावी गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से किए जा रहे दावे को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने एक बार फिर खारिज कर दिया है। उनका कहना है, जिसे जनता नीचे गिरा रही है उसके साथ कांग्रेस क्यों गठबंधन करेगी। कांग्रेस का ग्राफ तेजी से सुधर रहा है और वह अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी।

कोई नहीं चाहता 'आप' के साथ समझौता हो

माकन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस का कोई भी नेता या कार्यकर्ता नहीं चाहता है कि 'आप' के साथ कोई समझौता हो। इसके दो कारण हैं। पहला, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी की लोकप्रियता तेजी से गिर रही है। दूसरा, अन्ना आंदोलन के माध्यम से केजरीवाल ने कांग्रेस को बदनाम करके नरेंद्र मोदी के लिए सियासी जमीन तैयार की थी।

बढ़ रहा है कांग्रेस का ग्राफ 

बकौल माकन, काम नहीं करने की वजह से 'आप' सरकार के प्रति लोगों में भारी नाराजगी है। 'आप' को विधानसभा चुनाव में करीब 56 फीसद वोट मिले थे, जबकि निगम चुनाव में वह महज 26 फीसद पर सिमट गई। वहीं, विधानसभा चुनाव में साढ़े नौ फीसद वोट प्राप्त करने वाली कांग्रेस ने निगम चुनाव में 22 फीसद वोट हासिल किए। इसके अलावा निगम चुनाव में 'आप' को सिर्फ 49 सीटें मिली थीं, जबकि विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीतने वाली कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं। वहीं, राजौरी गार्डन विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस को 33 फीसद, जबकि 'आप' को 13 फीसद मत मिले। इससे पता चलता है कि दिल्ली में कांग्रेस का ग्राफ किस तरह से लगातार बढ़ रहा है।

अजय माकन केजरीवाल दैनिक जागरण के लिए इमेज परिणाम

कांग्रेस को किया बदनाम 

माकन ने कहा कि दिल्ली में बिजली व पानी को लेकर हाहाकार मचा है। सरकारी स्कूलों में दसवीं का परीक्षा परिणाम अब तक सबसे खराब रहा है। ऐसे में जब दिल्ली की जनता केजरीवाल को नकार रही है तो कोई भी नेता और कार्यकर्ता उनसे समझौता नहीं करना चाहता है। वहीं, अन्ना आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बाबा रामदेव, किरण बेदी, जनरल वीके सिंह के साथ मिलकर अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को बदनाम किया था, जबकि भाजपा या उसके सहयोगी दलों के खिलाफ कुछ नहीं बोला।

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