Religious Places in Delhi: सरकारी जमीन से हटेंगे सभी अवैध धार्मिक स्थल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला
Religious Places in Delhi दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सरकारी जमीन से सभी अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने का निर्देश दिया है। 29 सितंबर 2009 के बाद बने सभी अवैध धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। संबंधित विभागों को चार सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस आदेश से कई जगहों पर बने अवैध धार्मिक स्थल हटाए जाएंगे।
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। सरकारी जमीन से 15 साल तक पुराने सभी अवैध धार्मिक स्थल हटेंगे। गृह विभाग ने 29 सितंबर 2009 के बाद के सभी अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए कहा है। इससे पुराने और 2004 के बाद बने अवैध धार्मिक स्थलों के बारे में सभी संबंधित विभाग चार सप्ताह में गृह विभाग को रिपोर्ट सौंपेंगे।
अगर उन्होंने अपनी जमीन से कोई ऐसा निर्माण हटाया है तो वह इसकी भी जानकारी गृह विभाग को इसी के साथ देंगे। शहर में कई जगह पार्कों, सड़कों पर या सड़कों के किनारे अवैध धार्मिक स्थल बने हैं। सड़कों के बीच आ रहे या सड़कों के किनारे बने इन स्थलों के चलते यातायात में समस्या भी आ रही है।
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का किया उल्लेख
इस संबंध में दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने दिल्ली सरकार और स्थानीय निकायों को गत 14 अक्टूबर को लिखे पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के 29 सितंबर 2009 के आदेश का उल्लेख किया है। इस पत्र में एक कोर्ट के केस का संदर्भ दिया गया है, जिसमें सार्वजनिक भूमि से अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को हटाने के बारे में प्रस्ताव मांगे गए थे।
सार्वजनिक जगहों पर नहीं होगा धार्मिक स्थलों का निर्माण
इस बारे में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देशित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अब से सार्वजनिक सड़कों, सार्वजनिक पार्कों या अन्य सार्वजनिक स्थानों आदि पर मंदिर, चर्च, मस्जिद या गुरुद्वारा आदि के नाम पर कोई अनधिकृत निर्माण नहीं किया जाएगा या इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।
सर्वे कराने के लिए दिया गया चार सप्ताह का समय
इस संबंध में दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने अपने पत्र में चिंता जताई है कि इस आदेश को नजरंदाज कर भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसियां ऐसे मामलों में अपने प्रस्तावों को गृह विभाग में गठित धार्मिक समिति को विचारार्थ भेज रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई बार मुकदमेबाजी होती है और अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को हटाने में और देरी होती है।
गृह विभाग ने कहा है कि इस मामले की समीक्षा की गई है और सभी विभागों को सलाह दी जा रही कि प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सभी भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसियां अपनी-अपनी भूमि का विस्तृत सर्वेक्षण करें, ताकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से पहले अस्तित्व में रहे अवैध धार्मिक ढांचों की संख्या की पहचान की जा सके और गृह मंत्रालय में धार्मिक समिति को एक विस्तृत प्रस्ताव भेजा जा सके। इस बारे में सर्वे करने के लिए सभी एजेंसियों को चार सप्ताह का समय दिया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय के 29 सितंबर 2009 के आदेश के बाद के सभी निर्माण हटाने के लिए कहा
पत्र में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के 29 सितंबर 2009 के आदेश के बाद सार्वजनिक भूमि पर बनी सभी अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं के संबंध में संबंधित भूमि स्वामित्व एजेंसियां हटाने के लिए अपने स्तर पर आवश्यक कार्रवाई करेंगी। इसके अलावा संबंधित एजेंसियां अपने संपदा अधिकारियों आदि के माध्यम से 29 सितंबर 2009 से पहले और 29 सितंबर 2004 के बाद बने सभी अवैध धार्मिक संरचनाओं के बारे में एक नोट गृह विभाग को भेजेंगी।
इन इन विभागों और एजेंसियों को भेजा गया पत्र
यह पत्र सरकार के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, नगर निगम आयुक्त, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष, डीडीए उपाध्यक्ष, दिल्ली के मंडलायुक्त, प्रधान सचिव पीडब्ल्यूडी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के नोडल अधिकारयों को भी भेजा गया है।
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