Move to Jagran APP

AIIMS NEWS: देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में अब कैश की टेंशन खत्म, 1 अप्रैल से सभी पेमेंट होंगे डिजिटल

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार एम्स में एक अप्रैल 2023 से सारे पेमेंट डिजिटल हो जाएंगे। यूपीआइ (एकीकृत भुगतान इंटरफेस) और कार्ड दोनों की सुविधा मिलेगी। एम्स स्मार्ट कार्ड जारी करेगा जो वहां पर सभी काउंटर पर मौजूद रहेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Prateek KumarUpdated: Fri, 18 Nov 2022 07:36 PM (IST)
Hero Image
एक अप्रैल से सभी लोगों को पमेंट करने के लिए डिजिटल मोड की इस्तेमाल करना होगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। अगर आप देश के सबसे बड़े अस्तताल एम्स में हैं और आपाधापी के बीच आपके पास  कैश खत्म हो जाए तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं। जी हां टेंशन नहीं लेने कारण है यहां पर अब सारे पेमेंट  डिजिटल हो रहे हैं। एक अप्रैल से यहां पर सभी लोगों को पेमेंट करने के लिए डिजिटल मोड की इस्तेमाल करना होगा।

1 अप्रैल 2023 से पेमेंट होंगे डिजिटल 

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार एम्स में एक अप्रैल, 2023 से सारे पेमेंट डिजिटल हो जाएंगे। यूपीआइ (एकीकृत भुगतान इंटरफेस) और कार्ड दोनों की सुविधा मिलेगी। एम्स स्मार्ट कार्ड जारी करेगा जो वहां पर सभी काउंटर पर मौजूद रहेंगे। इसके लिए संस्थान द्वारा आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी का इस्तेमाल कर ओपीडी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे नए और पुराने मरीज दोनों इस्तेमाल कर सकेंगे।

स्कैन एंड शेयर क्यूआरकोड से तेज होगा काम

15 नवंबर को जारी एक कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, यह एम्स-नई दिल्ली में सभी ओपीडी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के 'स्कैन एंड शेयर क्यूआर कोड' से जल्दी और आराम से रजिस्ट्रेशन होगा ताकि लोगों को बेहतर सुविधा मिले। यह भी बता दें कि इसके लिए सभी कियोस्क और काउंटर सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक काम करेंगे। बिना स्मार्टफोन की मदद से मरीजों के के आभा आइडी को बनाया जाएगा।

21 नवंबर से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट 

21 नवंबर से इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राजकुमार अमृत कौर ओपीडी में इस्तेमाल किया जाएगा और एक जनवरी से सभी ओपीडी में इसे शुरू किया जाएगा। अभी यह देखने में आता है कि जो भी मरीज एम्स ओपीडी में दिखाने आते हैं उन्हें लंबी कतार में खड़े रहना पड़ता है, जहां मैनुअल तरीके से डाटा को दर्ज किया जाता है ताकि रजिस्ट्रेशन हो सके। ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि आभा आईडी के रजिस्ट्रेशन के वक्त ओटीपी में देर हो जाती है। ओटीपी को भेजने की अधिकतम सीमा तीन बार ही है। स्कैन और शेयर क्यूआर कोड से मरीजों को रजिस्ट्रेशन के वक्त कम समय में काम हो जाएगा। इससे उन्हें सुविधा के साथ समय की बचत होगी।

दिल्ली मेरी यादें : तांगे से कनाट प्लेस घूमने का वो दौर...अब नहीं रही पहले जैसी रंगत

Delhi Trade Fair 2022: शनिवार से आम जन भी कर सकेंगे मेले का दीदार, जानें टिकट रेट-पार्किंग सहित सारी जानकारी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।