देश में एक हनुमान मंदिर ऐसा भी, गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है जिसका नाम
Hanuman Mandir In Delhi दिल्ली का दिल कनाट प्लेस में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यहां पर 33 पीड़ियां लगातार इस मंदिर की सेवा और देखभाल में लगी हुई हैं।
By Jp YadavEdited By: Updated: Fri, 15 Apr 2022 03:08 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। दिल्ली-एनसीआर में बहुत से हनुमान मंदिर है, जहां पर रोजाना बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं। इन्हीं में से एक है कनाट प्लेस स्थित महाभारत कालीन श्री हनुमान मंदिर। इसे दिल्ली का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है।
मंगलवार को होती है भक्तों की भीड़
हर मंगलवार हनुमान मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ होती है। इसके अलावा, नुमान जन्मोतस्व के पावन पर्व पर यहां भजन संध्या और भंडारे लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है।
दिग्गज हस्तियां भी आ चुकी हैं मंदिर में दर्शन करने यह दिल्ली के प्राचीन मंदिरों में से एक है। महाभारत काल से बाल हनुमान को समर्पित इस प्राचीन मंदिर में आम और खास सभी तरह के लोग दर्शन के लिए आते हैं। यहां पर देश के कई दिग्गज नेता, मंत्री और सीएम तक दर्शन करने के लिए आ चुके हैं।
पांडवकालीन मंदिर के रूप में भी है चर्चित प्राचीन हनुमान मंदिर की स्थापन को लेकर कहा जाता है कि इसे पांडवों द्वारा स्थापित पांच मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर में श्री राम, जय राम, जय जय राम मंत्र का जप 1 अगस्त 1964 से लगातार 24 घंटे किया जाता है। इसके चलते मंदिर का नाम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है। बताया जाता है कि यह विश्व का सबसे लंबा जाप है। यही वजह है कि इसकी रिकार्डिंग गिनीज़ बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है।
दिल्ली पर कई बार हमले हुए, लेकिन किसी मुस्लिम आक्रमणकारी ने इस्लामी चंद्रमा के मान को रखते हुए कभी भी इस मंदिर पर हमला नहीं किया।वर्तमान इमारत आंबेर के महाराजा मान सिंह प्रथम (1540-1614) ने मुगल सम्राट अकबर के शासन काल में बनवायी थी। इसका विस्तार महाराजा जयसिंह द्वितीय (1688-1743) ने जंतर मंतर के साथ ही करवाया था। दोनों इमारतें निकट ही स्थित हैं। इसके साथ ही इस हनुमान मंदिर के निकट स्थित एशिया के सबसे बड़े फूलों के बाजार में पिछले पंद्रह सालों से फूलों का बाजार भी लगता है। यहां पर फूलों की बिक्री जमकर होती है।
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