Delhi Mumbai Expressway: दिल्ली से मुंबई सिर्फ 13 घंटे में, जानिए-परियोजना से जड़ुी हर जानकारी
Delhi Mumbai Expresswayसड़क मार्ग के जरिये मुंबई का सफर सिर्फ 13 घंटे में पूरा किया जा सकेगे। दरअसल दिल्ली से मुंबई तक 1261 km लंबे एक्सप्रेस-वे का काम लगातार जारी है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhi-Mumbai Expressway: तय समय पर काम पूरा हुआ तो दिल्ली-एनसीआर को 2023-23 में रैपिड रेल मेट्रो के साथ 1261 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का भी तोहफा मिल सकता है। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर से सड़क मार्ग के जरिये मुंबई का सफर सिर्फ 13 घंटे में पूरा किया जा सकेगे। दरअसल, दिल्ली से मुंबई तक 1261 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम लगातार जारी है। निर्माण कार्य में प्रगति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फिलहाल एक्सप्रेस-वे के 497 किलोमीटर पर काम तेजी से जारी है। इसी के साथ 162 किलोमीटर के एक अन्य हिस्से पर जल्द काम शुरू कराने के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है, माना जा रहा है कि कागजी कार्रवाई पूरी होते ही इस पर भी निर्माण कार्य तेज हो जाएगा। निर्माण की दिशा में एक और प्रगति हुई है, जिसके तहत बाकी बचे 569 किमी के हिस्से के लिए टेडर प्रक्रिया का काम जारी है।
दिल्ली-मुंबई के बीच कम हो जाएगी 150 km का सफर
जानकारों के मुताबिक, दिल्ली-मुंबई के बीच 1261 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के बनने से 150 किमी की दूरी कम हो जाएगा, जबकि यात्रा का समय 11 घंटे कम हो जाएगा। फिलहाल दिल्ली-मुंबई के बीच वाहन के जरिये सफर में 24 घंटे का समय लगता है। एक्सप्रेस-वे के बनते ही यह सफर सिर्फ 13 घंटे में ही सिमट जाएगा। बता दें कि 8 लेन के इस एक्सप्रेसवे का निर्माण इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन (EPC) रूट के जरिये किया जा रहा है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर पूरे 1 लाख करोड़ करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। इसके लिए स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) के जरिए 50,000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे। पिछले दिनों इस योजना को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। इस साल जुलाई के आखिर तक इस मॉडल के प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस काम के लिए एक मर्चेट बैंकर नियुक्त किया जाएगा।
2023-24 में निर्मित हो सकता है एक्सप्रेस-वे
बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे निर्माण भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत हो रहा है। 3 साल पहले यानी 2017 से इस योजना पर काम शुरू हुआ था और इसे वर्ष 2022 तक पूरा करना था। यह अलग बात है कि 2 साल पीछे होने के चलते एक्सप्रेसवे 2023-24 तक बनकर तैयार हो सकता है।
जानें, इस एक्सप्रेस-वे के लाभ
- हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जयपुर, कोटा, चितौड़गढ़, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, अहमदाबाद व वडोदरा की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी
- एक्सप्रेस-वे से मालढुलाई करीब 8-9 फीसदी तक कम होगी
- दूरी, समय और तेल की खपत कम होने से विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी
- कॉरिडोर पर नियंत्रित एक्सेस होगा. दोनों तरह 75 एमिनिटीज का एक नेटवर्क खड़ा करने की योजना बनाई गई है, जो 50 किमी के अंतराल पर होगी
- सरकार की योजना इस आठ लेन के एक्सप्रेसवे को भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाने की है।
- दिल्ली के साथ यूपी और दर्जनभर शहरों और हरियाणा को भी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से लाभ मिलेगा।
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