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चांदनी चौक के साथ पुरानी दिल्ली के थोक बाजार के दुकानदारों को मिलने लगा नोटिस, दुकानदार परेशान, पढ़िए क्या है पूरा मामला?

कोरोना की मार के बाद अब अनलाक के दौर में कारोबार को पटरी पर लाने में जुटे दुकानदारों में इसको लेकर नाराजगी के साथ चिंता का माहौल है। उनके मुताबिक इस तरह का नोटिस भेजना वैसे भी गलत है क्योंकि यह क्षेत्र स्पेशल एरिया में आता है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Sun, 13 Feb 2022 03:37 PM (IST)
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दुकानदारों में इसको लेकर नाराजगी के साथ चिंता का माहौल है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। चांदनी चौक के साथ ही पुरानी दिल्ली के अन्य थोक बाजारों में फिर से कन्वर्जन चार्ज का जिन्न मंडरा रहा है। उत्तरी नगर निगम की ओर से दुकानदारों को इसको लेकर नोटिस भेजे जाने लगे हैं। उन्हें चेताया जा रहा है कि अगर इसे जमा नहीं कराया गया तो उन्हें सीलिंग की मार झेलनी पड़ सकती है।

कोरोना की मार के बाद अब अनलाक के दौर में कारोबार को पटरी पर लाने में जुटे दुकानदारों में इसको लेकर नाराजगी के साथ चिंता का माहौल है। उनके मुताबिक इस तरह का नोटिस भेजना वैसे भी गलत है, क्योंकि यह क्षेत्र स्पेशल एरिया में आता है। इसके चलते यहां कन्वर्जन चार्ज नहीं लगाए जा सकते हैं।

वहीं, नगर निगम का कहना है कि वर्ष 1965 के पहले की दुकानों को ही छूट है। उसके बाद की दुकानों के लिए कन्वर्जन चार्ज जमा कराना होगा। दुकानदारों के मुताबिक चांदनी चौक के कुछ बाजार आजाद मार्केट व भागीरथ पैलेस समेत अन्य बाजारों के दुकानदारों को नोटिस मिले हैं।कन्वर्जन चार्ज का यह जिन्न ऐसे समय में लौटा है जब कुछ माह बाद ही दिल्ली नगर निगम के चुनाव होने हैं।

अगर इस मामले का जल्द हल नहीं निकाला गया तो इसका नुकसान निगम में सत्तारूढ़ दल को उठाना पड़ सकता है। दिल्ली इलेक्टि्रकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा ने बताया कि कुछ दिनों से दुकानदारों को नोटिस मिल रहे हैं। दुकानदारों को 10 साल के बकाये के रूप में हजारों रुपये कन्वर्जन चार्ज जमा करने को कहा जा रहा है। इससे बाजार में चिंता का माहौल है, क्योंकि पहले से ही बाजार कोरोना की मार से बेहाल हैं।

उन्होंने बताया कि इसको लेकर सोमवार को व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम के उपायुक्त से मिलने का समय लिया है। दिल्ली ¨हदुस्तानी मर्केटाइल एसोसिएशन (डीएचएमए) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीभगवान बंसल के मुताबिक बाजार में फिर से एमसीडी के अधिकारी सक्रिय हैं और बाजार संगठनों के प्रतिनिधियों के माध्यम से दुकानदारों पर इसको लेकर दबाव डालने लगे हैं। यह स्थिति तब है जब पुरानी दिल्ली के बाजार स्पेशल एरिया में आते हैं और यहां के लोगों को इस शुल्क से अलग रखा गया है। उन्होंने कहा कि दुकानदार इसे दे भी देते अगर वाहनों की पार्किंग को लेकर उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल रही होतीं, लेकिन यहां ऐसा नहीं है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ मामलों में कन्वर्जन चार्ज जमा किए गए दुकानों को सीलिंग का नोटिस भी थमाया जा रहा है। द बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन, कूचा महाजनी के चेयरमैन योगेश सिंघल ने कहा कि संपत्ति शुल्क व ट्रेड लाइसेंस को लेकर पहले से ही दुकानदार परेशान हैं। अब इसने उन लोगों को चिंता में डाल दिया है। जब देशभर में वन नेशन-वन टैक्स की बात हो रही है तो नगर निगम में भी यह क्यों नहीं लागू किया जा रहा है।

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निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नोटिस भेजे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि निगम का राजस्व बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में जिनका कन्वर्जन चार्ज बकाया है उन्हें देना चाहिए। जो इसके दायरे में नहीं आते हैं, वे इससे संबंधित साक्ष्य नगर निगम में जमा करें, उन्हें छूट दी जाएगी।

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