Alzheimer's day 2022: उम्र नहीं, खराब लाइफस्टाइल बना सकता है अल्जाइमर का शिकार, जानें इसके लक्षण और देखभाल के उपाय
Alzheimers day 2022 आमतौर पर ऐसी धारणा है कि अल्जाइमर का खतरा बुजुर्गों में सबसे अधिक होता है। मगर पिछले कुछ सालों में इंसानों के बदले जीवनशैली के कारण अब यह दिमागी बीमारी कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रही है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। विश्व भर में विभिन्न तरह के दिमागी रोगों में अल्जाइमर एक प्रमुख बीमारी है। आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक के लोग इसका सबसे अधिक शिकार होते हैं। अल्जाइमर में इंसान शारिरीक रुप से तो बिल्कुल स्वस्थ नजर आता है, लेकिन मानसिक तौर पर अस्वस्थ हो जाता है। पीड़ित व्यक्ति को खाने-पीने जैसी साधारण चीजें याद रखने में भी काफी दिक्कत होती है।
अल्जाइमर में सामान्य चीजें भी याद नहीं रहती
पिछले कुछ सालों में विश्व के साथ-साथ भारत में भी अल्जाइमर के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस मानसिक विकार के रोकथाम और जागरुकता को लेकर हर साल 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जाता है। अल्जाइमर रोग को डेमेंशिया के सबसे आम कारणों में से एक माना जाता है। इसमें व्यक्ति हाल में ही हुई घटनाओं या बातचीत को भी भूल जाता है। पीड़ित के सोचने-समझने, सामाजिक और व्यवहारिक कौशल में लगातार गिरावट होती है। गुजरते वक्त के साथ पीड़ित व्यक्ति खुद से जुड़े निर्णय लेने में भी असमर्थ हो जाता है।
अल्जाइमर के लक्षणों की पहचान जरूरी
आमतौर पर ऐसी धारणा है कि अल्जाइमर का खतरा बुजुर्गों में सबसे अधिक होता है। मगर, पिछले कुछ सालों में इंसानों के बदले जीवनशैली के कारण अब यह कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रही है। समय रहते डाक्टरों से संपर्क कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। भूलने की समस्या या कमजोर याददाश्त अल्जाइमर रोग की सबसे बड़ी पहचान है, लेकिन इसके अलावा भी इस गंभीर दिमागी बीमारी के कई लक्षण हैं।
- याददाश्त कमजोर होना
- समस्याओं को हल करने में कठिनाई
- सामान्य कार्यों को करने में कठिनाई
- समय या स्थान के साथ भ्रम
- बोलने या लिखने में दिक्कत आना
- चीजों को रखकर भूल जाना
- मनोदशा और व्यक्तित्व में परिवर्तन
अल्जाइमर रोग की वजह
अल्जाइमर रोग के सटीक कारणों को अब तक ठीक से समझा नहीं जा सका है। हालांकि विषय विशेषज्ञों का मानना है कि मस्तिष्क में प्रोटीन के सामान्य रूप से कार्य करने में विफल हो जाने पर मस्तिष्क की कोशिकाएं (न्यूरॉन्स) ठीक से काम नहीं कर पाती और भूलने की समस्या होती है। यह बीमारी अमुवाशिंक हो सकती है। मगर, अगर परिवार में पहले किसी को यह बीमारी नहीं है तो इसका सीधा संबंध खराब दिनचर्या से है।
स्वस्थ दिनचर्या अल्जाइमर के खतरे को करेगा कम
जिस तरह अल्जाइमर के सटीक कारणों का पता नहीं है, उसी तरह इस दिमगी रोग का कोई विशिष्ट इलाज भी नहीं है। अच्छी देखभाल और स्वस्थ दिनचर्या के मदद से इससे निजात पाया जा सकता है। आइए देखें अल्जाइमर से बचने के कुछ उपाय-
- नियमित रूप से व्यायाम का अभ्यास
- पौष्टिक आहार का नियमित सेवन
- 7-8 घंटे की नींद
- धूम्रपान और शराब से परहेज