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'45 दिन में सुधारो कानून-व्यवस्था', दिल्ली पुलिस को अमित शाह की दो टूक; कहा- डेढ़ माह बाद फिर करूंगा मीटिंग

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस की लचर कानून व्यवस्था पर नाराजगी जताई है। उन्होंने पुलिस आयुक्त समेत कई आला अधिकारियों को तलब कर फटकार लगाई और 45 दिन में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार चरम पर है सरेआम गोलियां चल रही हैं और गैंगस्टरों का आतंक है। उन्होंने स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच को मजबूत बनाने पर जोर दिया है।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 23 Nov 2024 11:19 PM (IST)
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दिल्ली पुलिस को कानून व्यवस्था सुधारने के लिए 45 दिन की मोहलत।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस आयुक्त समेत दिल्ली पुलिस के कुछ आला अधिकारियों को गृह मंत्रालय बुलाकर लचर कानून व्यवस्था को लेकर जमकर खिंचाई करते हुए जल्द हालात में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आतंकवाद निरोधक दस्ता स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए इन यूनिटों को नए सिरे से मजबूत बनाने पर बल दिया, लेकिन दिल्ली पुलिस के लिए इन यूनिटों को मजबूत बना पाना बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने कानून व्यवस्था में सुधार के लिए 45 दिन की मोहलत दी और डेढ़ माह बाद कानून व्यवस्था की समीक्षा करने की बात कही।

राजधानी में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए सेल व क्राइम ब्रांच को मजबूत बनाने की जरूरत है तभी गैंगस्टरों के आतंक पर काबू पाया जा सकता है। हाल के महीनों में राजधानी में बेतहाशा बढ़ते अपराध पर राजनीतिक पार्टियों द्वारा सवाल उठाने पर गृह मंत्री ने शुक्रवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए दिली पुलिस के अधिकारियों को गृह मंत्रालय तलब किया था।

'मुझे सब पता है...'

बैठक में एक विशेष आयुक्त ने जब प्रजेंटेशन देना शुरू किया, तब गृह मंत्री ने कहा कि प्रजेंटेशन देने से काम नहीं चलेगा। दूसरे विशेष आयुक्त ने जब प्रजेंटेशन देना शुरू किया तब गृह मंत्री ने उनकी भी प्रजेंटेशन देखने से मना कर दिया। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मुझे सब कुछ पता है कि दिल्ली पुलिस में क्या-क्या हो रहा है।

भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है- शाह

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, सरेआम गोलियां चल रही हैं, गैंगस्टरों में रंगदारी वसूलने की होड़ लगी हुई है। बदमाश अवैध हथियार व चाकू लेकर सड़कों पर घूम रहे हैं, लोग दहशत में जी रहे हैं। उन्होंने तुरंत राजधानी की कानून व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए और 45 दिन बाद रिपोर्ट पेश करने को कहा।

बाद में डीसीपी ने बलाई बैठक

गृह मंत्री के निर्देश के बाद शनिवार को सभी 15 जिले के डीसीपी ने अपने-अपने जिले में सभी थानों के इंस्पेक्टरों की बैठक बुलाई। उन्हें बदमाशों, झपटमारों व ड्रग्स तस्करों समेत अवैध हथियार व चाकू लेकर घूमने वालों की धर पकड़ तेज करने और गैंगवार की घटनाओं पर रोक लगाने के निर्देश दिए।

स्पेशल सेल की कुछ अधिकारियों ने गिराई साख

मुख्यालय सूत्रों की मानें तो स्पेशल सेल में कुछ अधिकारियों की मनमानी के कारण सेल की साख गिर गई है। सेल की टीम पूरी तरह बिखर चुकी है। इसी माह सेल के मुखिया विशेष आयुक्त आरपी उपाध्याय सेवानिवृत्त होंगे।

ऐसे में नए मुखिया के लिए वैसे तो तीन चार विशेष आयुक्त के नाम की चर्चा है, लेकिन अगर 1991 बैच के अधिकारी विवेक गोगिया को सेल की जिम्मेदारी मिला तब सेल को पहले की तरह मजबूत बनाने की दिशा में बेहतर कदम माना जा रहा है। गोगिया बहुत ही सख्त व इमानदार आइपीएस माने जाते हैं। इन्हें सेल में लाने पर कुछ अधिकारियों की मनमानी तुरंत खत्म हो सकता है।

तो फिर नहीं सुधर पाएंगे सेल के हालत

गोगिया को सेल की जिम्मेदारी नहीं मिलने पर सेल की स्थिति में सुधार ला पाना बहुत मुश्किल साबित हो सकता है। हालांकि गोगिया का कार्यकाल आठ माह ही बचा हुआ है। गोगिया के अलावा किसी अन्य को जिम्मेदारी मिलने पर कुछ अधिकारी अपनी मनमानी जारी रख सकते हैं। ऐसे में दो माह में सेल में बड़ा फेरबदल हो सकता है। नई दिल्ली रेंज को एक नया डीसीपी मिल सकता है, क्योंकि इस रेंज की प्रभारी प्रतीक्षा गोदारा को पदोन्नत किया जा रहा है।

प्रणव तायल को भी पदोन्नत किया जा सकता है। गोदारा पहले हरियाणा में कार्यरत थे। सूत्रों के मुताबिक गोदारा और तायल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर बनने पर वर्तमान अतिरिक्त आयुक्त प्रमोद सिंह कुशवाह को यूनिट से बाहर किए जाने की संभावना है।

डीसीपी मनीषी चंद्रा का क्या होगा?

डीसीपी मनीषी चंद्रा जो वर्तमान में सेल में महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं, उन्हें आईपीएस में शामिल किया जाएगा। यदि उन्हें दिल्ली से बाहर नहीं भेजा जाता है तब वे एकमात्र डीसीपी बने रहेंगे। पहले सेल में डीसीपी के रूप में दानिप्स-काडर के अधिकारियों को ही प्राथमिकता दी जाती थी, लेकिन पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सेल में आईपीएस अधिकारियों को तैनात करने का चलन शुरू किया, ताकि यूनिट पर बेहतर नियंत्रण हो सके, जिसके बाद से ही सेल में गिरावट जारी है।

सेल ने सादिक नगर में एक नए मुख्यालय में शिफ्ट होना भी शुरू कर दिया है। सेल की लोधी कालोनी को वहां शिफ्ट किया जा सकता है।

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