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हार्ट के मरीजों के लिए राहत की खबर, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में सुविधाएं बढ़ीं; रात में भी हो सकेगी एंजियोप्लास्टी

हार्ट और इससे संबंधित बीमारियों से जुड़े मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में सुविधाएं बढ़ गई हैं। अब रात में भी एंजियोप्लास्टी हो सकेगी। सफदरजंग दिल्ली का एक मात्र अस्पताल है जहां हार्ट अटैक व हृदय के आपातकालीन मरीजों के लिए हार्ट कमांड सेंटर है जिसमें 24 बेड है। दिल्ली सरकार के जीबी पंत अस्पताल में हृदय रोग की इमरजेंसी है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 07 Apr 2024 07:43 AM (IST)
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दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में सुविधाएं बढ़ीं; रात में भी हो सकेगी एंजियोप्लास्टी
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हार्ट अटैक व हृदय के अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सफदरजंग अस्पताल के हार्ट कमांड सेंटर में अब 24 घंटे कैथ लैब चलेगी। अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना तलवार ने पांच अप्रैल को यह सुविधा शुरू की।

24 घंटे चलेगी कैथ लैब

इससे अस्पताल में अब 24 घंटे एंजियोप्लास्टी व कैथ लैब से जुड़े हृदय की बीमारियों के अन्य प्रोसीजर हो सकेंगे। अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि भारत सहित दुनिया भर में हृदय की बीमारियों से मौतें सबसे अधिक होती हैं। इसके अलावा देश में हृदय की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।

हार्ट अटैक होने पर मरीजों को तुंरत इलाज मिलना जरूरी होता है। जितना जल्दी मरीज का इलाज और एंजियोप्लास्टी होती है, इलाज का परिणाम उतना बेहतर होता है। इलाज में एक-एक मिनट की देरी मरीज की सेहत के लिए भारी पड़ती है। क्योंकि इलाज में जितनी देरी होती है हृदय की मांसपेशियां उतना ही कमजोर हो जाती हैं।

इसलिए अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना तलवार ने कैथ लैब को 24 घंटे संचालित करने की पहल को समय की जरूरत बताया है। सफदरजंग दिल्ली का एक मात्र अस्पताल है जहां हार्ट अटैक व हृदय के आपातकालीन मरीजों के लिए हार्ट कमांड सेंटर है, जिसमें 24 बेड हैं।

कार्डियोलाजी विभाग के लिए हैं 120 बेड

दिल्ली सरकार के जीबी पंत अस्पताल में हृदय रोग की इमरजेंसी है, लेकिन उसकी इमरजेंसी में बेड कम हैं। सफदरजंग अस्पताल में वर्ष 2018 में सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक शुरू हुआ था, जिसमें कार्डियोलाजी विभाग के लिए 120 बेड हैं।

इसमें हृदय की बीमारियों के इलाज की अत्याधुनिक मशीनें व आपातकालीन मरीजों के लिए हार्ट कमांड सेंटर है। इस अस्पताल में चार अत्याधुनिक कैथ लैब हैं। जिसे पहले सुबह आठ से रात आठ बजे तक संचालित किया जाता था। इसलिए 12 घंटे ही कैथ लैब से जुड़े प्रोसीजर होते थे।

जीवनरक्षक है एंजियोप्लास्टी

अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एचएस इस्सर ने बताया वर्ष भर में कैथ लैब में दस हजार प्रोसीजर होते हैं। हार्ट कमांड सेंटर में प्रतिदिन हार्ट अटैक के 10-15 मरीज पहुंचते हैं। जिसमें से पांच से छह मरीजों को एंजियोप्लास्टी की जरूरत होती है। अब एक वर्ष में चार हजार मरीजों की एंजियोप्लास्टी होती है।

डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक व धमनियों में ब्लाकेज से पीड़ित मरीजों के लिए एंजियोप्लास्टी जीवन रक्षक प्रोसीजर है। मरीज के धमनियों में स्टेंट डालकर ब्लाकेज ठीक किया जाता है। कैथ लैब का 24 घंटे संचालन होने से हार्ट कमांड सेंटर में पहुंचने वाले मरीजों का रात में भी एंजियोप्लास्टी हो सकेगी।

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