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Delhi Murder: रिश्तों की कलंक गाथा, 1000 km दूर बिहार में 'अंजन' की करतूत से अनजान रहा परिवार

Delhi Anjan Murder Case पूर्वी दिल्ली के अंजन दास हत्याकांड के खुलासे ने सबको हैरान कर दिया है। इस हत्याकांड में रिश्तों की मर्यादा दोनों ओर से तार-तार की गई। हत्या जैसा कदम उठाने से पहले पूनम और दीपक के पास पुलिस से शिकायत करने का विकल्प भी था।

By Jp YadavEdited By: Updated: Tue, 29 Nov 2022 04:59 AM (IST)
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बिहार के रहने वाला 8 बच्चों का पिता था अंजन दास।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। मुंबई की युवती श्रद्धा वालकर हत्याकांड और मूलरूप से बिहार के रहने वाले अंजन दास हत्याकांड में कई समानताएं हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या श्रद्धा हत्याकांड का खुलासा नहीं होता तो अंजन दास की हत्या से पर्दा उठना मुश्किल था। गिरफ्तार पत्नी पूनम की मानें तो अंजन दास की हत्या 30 मई की रात को की गई। इसके बाद बेटे दीपक के साथ मिलकर पूरी रात शव को कमरे में रखा गया, ताकि सारा खून निकल जाए। इसके बाद अगले दिन चाकू से शव के टुकड़े किए, फिर प्लास्टिक की थैलियों में शव के टुकड़े भरे और कुछ दिन तक अलग-अलग स्थानों पर फेंका। 

8 बच्चों का पिता था अंजन दास, गैर औरतों से रखता था संबंध

मूल रूप से बिहार का रहने वाला अंजन दास काफी लंबे समय से दिल्ली में रह रहा था। डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि 5 जून को रामलीला मैदान में अंजान शख्स के शरीर के कई टुकड़े मिले थे, जो कि 5 दिन तक बरामद हुए। किसी दिन पैर तो किसी दिन कोई और भाग, तो वहीं सिर जमीन के अंदर मिला।

घर-घर जाकर पुलिस ने की शव की पहचान की कोशिश

डीसीपी के मुताबिक, शरीर के हिस्सों के टुकड़े मिलने के चलते शख्स की पहचान करने में काफी दिक्कत हो रही थी। इसके लिए बॉडी टेक्निकल एनालिसिस की मदद ली गई और फिर इसकी पहचान हुई। वहीं, शख्स की पहचान के लिए डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन किया गया। इस दौरान पता चला कि अंजन दास नाम का शख्स 5-6 महीने से लापता है। हैरानी यह जानकर हुई कि किसी भी थाने में कोई गुमशुदगी की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराई गई थी।

रामलीला मैदान के झाड़ियों में शव के कई टुकड़े मिले

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने सोमवार को अंजन दास हत्याकांड का खुलासा किया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 5 जून 2022 को पांडव नगर थाना को रामलीला मैदान में मानव शरीर के टुकड़े मिलने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों को मैदान के सुनसान झाड़ियों के किनारे एक प्लास्टिक की थैली और मानव अंग पड़े मिले। फिर एक व्यक्ति के पैर का निचला हिस्सा सड़ी-गली हालत में पड़ा मिला। इसके साथ ही एक सफेद पॉलिथीन में मानव शरीर का एक और अंग मिला।

सीसीटीवी से पुलिस को मिले अहम सुराग

पिछले 6 महीने से पुलिस इस मामले की गुत्थी सुलझाने की कोशिश में थी। शव के टुकड़ों की जांच के दौरान डॉक्टर ने बताया कि मृतक एक वयस्क पुरुष था। वहीं, आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी फुटेज की दोबारा जांच के दौरान पुलिस के हाथ अहम सुराग लग गया। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि 31 मई और 1 जुलाई की दरमियानी रात को रामलीला मैदान में सुनसान जगह पर एक महिला और एक युवक प्लास्टिक बैग में कुछ फेंकने आए थे।

लापता व्यक्तियों के रिकॉर्ड ने खोले राज

इसके अलावा, 1 जुलाई को दिन के समय भी दोनों उस जगह के पास फिर देखे गए, जहां से पुलिस को मृतक के शरीर के अंगों से भरा प्लास्टिक बैग मिला था। इसके बाद दिल्ली और यूपी के आसपास के जिलों के सभी लापता व्यक्तियों के रिकॉर्ड की जांच की गई तो पता चला कि अंजन दास नाम का शख्स पिछले 5-6 महीनों से लापता था और उसके परिवार के सदस्यों ने न तो पुलिस को इसकी सूचना दी और न ही उसे खोजने का कोई प्रयास किया। इसके बाद पुलिस ने अंजन दास के त्रिलोकपुरी स्थित घर का पता लगाया और उसकी पत्नी पूनम देवी और सौतेले बेटे दीपक से पूछताछ की, जिसके बाद मामले से पर्दा उठा।

पति-पत्नी में होता था झगड़ा

पत्नी पूनम और सौतेला बेटा दीपक गिरफ्तार हुए तो अंजन दास हत्याकांड का खुलासा हुआ। पुलिस के मुताबिक, पूनम ने 2017 में अंजन दास से दूसरी शादी की थी। उसके पहले पति का नाम कल्लू था, जिससे दोनों के दीपक नाम का बेटा है, जो हत्यारोपित है। इसके साथ ही कल्लू से पूनम को एक बेटी भी है। कल्लू की मौत के बाद अंजन दास उसका सहारा बना। 

अंजन के 8 बच्चों से अंजान थी पूनम

अंजन दास के बिहार में पत्नी से 8 बच्चे हैं। अंजन दास ने पूनम के जेवरात बेचकर बिहार में पैसे भेज दिए थे, लेकिन यह पता पूनम को नहीं चलने दिया। वह पूरी तरह से पूनम पर आश्रित था। शराब भी पीता था और कामकाज भी नहीं करता था। इसके चलते दोनों के बीच में अक्सर झगड़ा होता रहता था।

बेटी और बहू पर गलत थी अंजन दास की नजर

अंजन दास और पूनम के अपना कोई बच्चा नहीं था। वहीं, पूनम के पहले पति से बेटा दीपक और बेटी थी। पूनम की मानें तो आशिक मिजाज अंजन दास दीपक और बेटी को अपना नहीं पाया था। वहीं वह उनकी बेटी और दीपक की पत्नी पर भी बुरी नजर रखता था। पानी सिर के ऊपर गुजरा तो  मां-बेटे ने इसे मारने का फैसला लिया। पूरी साजिश के तहत 30 मई को दोनों ने नींद की दवाई डालकर उसे शराब पिलाई। बेहोश होने पर दीपक ने उसका गला काट दिया। इसके बाद रातभर उसका शव कमरे में रखा, जिससे खून पूरी तरह से निकल जाए। इसके बाद अगले दिन शव के तकरीबन 10 टुकड़े किए और अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए। एक सप्ताह बाद 5 जून की देर शाम को पुलिस को शरीर का पैर मिला था। फिर अगले कई दिनों तक एक-एक कर शरीर के अन्य टुकड़े मिले। जांच की कड़ी में अंजन दास के बिहार वाले परिवार से शरीर के टुकड़ों का डीएनए मैच कराया जाएगा।

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