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कई सवाल छोड़ गई अंकित की मौत, मर गई संवेदना, तमाशबीन बनी रही दिल्ली

अंकित ने चिल्ला-चिल्लाकर लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी की इंसानियत नहीं जागी। अंकित तो अब इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन यह घटना कई सवाल छोड़ गई है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Mon, 05 Feb 2018 04:27 PM (IST)
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कई सवाल छोड़ गई अंकित की मौत, मर गई संवेदना, तमाशबीन बनी रही दिल्ली

नई दिल्ली [भगवान झा]। यह दास्तां चंबल की नहीं, अपराध से आजिज आ चुके किसी इलाके की नहीं, देश की राजधानी दिल्ली की है। अंकित के साथ जब ख्याला इलाके में मारपीट हो रही थी तो उस समय काफी संख्या में लोग तमाशबीन बने हुए थे। अंकित ने चिल्ला-चिल्लाकर लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी की इंसानियत नहीं जागी। बेरहम दिल्ली की भुजाओं में उस समय भी ताकत नहीं आई जब दरिंदे अंकित के गले पर वार कर रहे थे। हां, एक बात की जरूर दाद देनी पड़ेगी उन लोगों की, जिन्होंने यह घटना आंखों से देखी।

सवाल छोड़ गई अंकित की मौत 

अंकित तो अब इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन यह घटना कई सवाल छोड़ गई है। कब तक हम तमाशबीन होकर देश की राजधानी में रहेंगे। भगवान न करे, लेकिन जब हमारे साथ इस तरह की घटनाएं होंगी तो क्या हम यह सोच सकते हैं कि कोई बचाने आएगा। कम से कम बृहस्पतिवार की घटना को देखकर तो ऐसा ही लग रहा है कि हमें भी कोई बचाने नहीं आएगा। लोगों में कानून का डर कम हो रहा है। मामले को सुलझाने के बजाय वे कानून को अपने हाथो में ले रहे हैं। थोड़े से विवाद के बाद ही लोग एक-दूसरे को मारने पर आमादा हो जाते हैं।

कोई मदद के लिए आगे नहीं आया 

अंकित की मां कमलेश का कहना है कि आखिर उनके बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था। आरोपियों के हाथ में खुखरी थी। जब अंकित से युवती की मां ने अपनी बेटी के बारे में पूछा तो उसने कहा कि ऑन्टी मैंने कुछ नहीं किया। मुझे नहीं पता कि आपकी बेटी कहां है। आप चाहें तो पुलिस बुला लें, मैंने कुछ नहीं किया है। आरोपी सिर्फ एक ही बात कह रहे थे कि लड़की को तुमने गायब किया है। उनके ऊपर खून सवार था। वहां मौजूद लोगों ने अंकित को उठाने व रिक्शे से ले जाने के दौरान कोई मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि जब तक हमलावरों को सख्त से सख्त सजा नहीं मिलेगी तब तक बेटे की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।

रोंगटे खड़े करने वाली है दरिंदगी

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब हमलावर खुखरी से गला काट रहा था, उस समय अंकित चिल्ला रहा था। हमलावरों ने उसका मुंह दबा दिया, जिससे उसकी आवाज न निकले सके। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि अंकित सरल स्वभाव का था। दूसरों की मदद करने को वह तत्पर रहता था। आरोपियों ने जिस तरह की दरिंदगी दिखाई है वह रोंगटे खड़े करने वाली है।

ख्याला इलाके में ही इस घटना से पहले भी दिल्ली में कई दर्दनाक घटनाएं हो चुकी हैं।

बुजुर्ग की हत्या 

पिछले वर्ष मई में एक बुजुर्ग को उसके रिश्तेदारो ने मौत के घाट उतार दिया था। दो युवक शराब पीने के बाद अपने बुजुर्ग रिश्तेदार के घर पहुंचे और पहले उन पर चाकू से वार किया और फिर लूटपाट कर फरार हो गए। उपचार के दौरान बुजुर्ग मुलकराज की मौत हो गई थी।

अकबर मरता रहा लोग वीडियो बनाते रहे 

पिछले वर्ष अगस्त में अकबर नाम के युवक की बीच सड़क पर चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई थी। अकबर काफी समय तक सड़क पर तड़पता रहा। वहां लोग वीडियो बनाते रहे।

बुजुर्ग महिला की हत्या

बीते साल सितंबर में 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी गई थी। आरोपियो ने बर्फ काटने वाले सुये से महिला के शरीर पर कई वार किए थे।

ये कैसी मानसिकता 

अब इस तरह की घटनाओं से लोगों में असुरक्षा की भावना जरूर आ रही है। पुलिस हर घटना के बाद पहुंचती है। आरोपियों की गिरफ्तारी में लग जाती है। लेकिन क्या हम जिस मानसिकता के बीच रह रहे हैं, उससे कोई भी अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकेगा। यह सबसे बड़ा सवाल है? 

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