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जानिए, अन्‍ना की वह यूथ ब्रिगेड टीम, जो लिखती है हर आंदोलन की सफलता की पटकथा

नवीन जयहिंद बताते हैं कि करीब 400 वॉलंटियर्स की टीम इस पूरे आंदोलन से जुड़ी हुई है। आठ-आठ घंटे की पाली में वॉलंटियर्स अपना काम कर रहे हैं।

By Amit MishraEdited By: Updated: Wed, 28 Mar 2018 11:34 AM (IST)
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जानिए, अन्‍ना की वह यूथ ब्रिगेड टीम, जो लिखती है हर आंदोलन की सफलता की पटकथा

नई दिल्ली [ललित कौशिक]। रामलीला मैदान में आयोजित आंदोलन को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए वॉलंटियर्स की अच्छी खासी टीम जुटी हुई है। देश के कोने-कोने से यहां पर वॉलंटियर्स पहुंचे है। जो अलग-अलग समय पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं।

नौकरी और घर छोड़कर पहुंचे

रामलीला मैदान आंदोलन में शामिल होने के लिए कुछ वॉलंटियर्स नौकरी से छुट्टी लेकर आए हैं। सभी वॉलंटियर्स इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं। हालांकि वॉलंटियर्स मीडिया से ज्यादा बातचीत नहीं कर रहे है, लेकिन अनौपचारिक तौर पर आंदोलन को लेकर बहुत कुछ बताते हैं। ज्यादातर वॉलंटियर्स को यह उम्मीद है कि अन्ना का यह आंदोलन ऐतिहासिक होगा और केंद्र सरकार अन्ना की सभी मांगों को मानेगी।

भीड़ को लेकर चिंता 

आंदोलन में किसानों के अलावा दूसरे लोगों के न जुटने को लेकर वॉलंटियर्स चिंतित भी हैं, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि वर्ष 2011 जैसे अन्ना आंदोलन का जोश एक बार फिर लोगों के सिर चढ़कर बोलेगा। महाराष्ट्र से आए शरद पावड़े कहते हैं कि वे यहां पर अन्ना को समर्थन देने के लिए आए हैं। जब 80 वर्ष की उम्र में अन्ना देश के लोगों के लिए अनशन पर बैठ सकते हैं तो हम युवा उनका साथ क्यों नहीं दे सकते हैं।

आंदोलनकारियों की करते हैं मदद

अन्ना कोर टीम के सदस्य नवीन जयहिंद बताते हैं कि करीब 400 वॉलंटियर्स की टीम इस पूरे आंदोलन से जुड़ी हुई है। आठ-आठ घंटे की पाली में वॉलंटियर्स अपना काम कर रहे हैं। कुछ वॉलंटियर्स सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी लगाए गए हैं, जिन्हें वॉकी-टॉकी दिए गए हैं। साथ ही सोशल मीडिया के लिए अलग से चार-पांच लोगों की टीम बनी हुई है जो आंदोलन से जुड़ी पल-पल की जानकारी लोगों को साझा करती है।

26 सदस्यों की कोर टीम

आंदोलन के मीडिया प्रमुख जयकांत मिश्रा बताते हैं कि इनमें कुछ वॉलंटियर्स ऐसे भी हैं जो पिछले आंदोलन से भी जुड़े हुए थे। वहीं इस बार जो 26 सदस्यों की कोर टीम बनी है, उसमें भी कुछ पुराने चेहरे हैं, जिन्होंने पिछले आंदोलन में हिस्सा लिया था। इनमें नवीन जयहिंद व सुरेश शर्मा हरियाणा से, डॉ. राकेश रफीक उत्तर प्रदेश से अक्षय कुमार ओडिशा से हैं। 

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