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केजरीवाल के करीबी नेता ने विधायक बनने के लिए दी थी 'देशमुख' की कुर्बानी

चुनाव जीतने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति अपनाई जाती है, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) नेताओं ने इसके लिए अपने नाम के आगे लगने वाले सरनेम तक हटा लिए।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 30 Aug 2018 03:18 PM (IST)
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केजरीवाल के करीबी नेता ने विधायक बनने के लिए दी थी 'देशमुख' की कुर्बानी
नई दिल्ली (जेएनएन)। राजनीति में चुनाव जीतने के लिए 'साम दाम दंड भेद' की नीति अपनाई जाती है, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) नेताओं ने इसके लिए अपने नाम के आगे लगने वाले सरनेम तक हटा लिए। आशुतोष के बाद अब जंगपुरा के विधायक प्रवीण कुमार का नाम सामने आया है, जिन्होंने चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए अपना सरनेम हटा लिया। उनका सरनेम देशमुख था, लेकिन उन्होंने इसके नुकसान की आशंका के मद्देनजर सरनेम का बलिदान दे दिया। 

जानकारी के मुताबिक, 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में जंगपुरा से AAP के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले प्रवीण देशमुख ने अपने नाम से 'देशमुख' उपनाम हटाकर अपना नाम प्रवीण कुमार कर लिया था। ऐसा करने के पीछे की वजह भी हैरान करने वाली है। बताया जा रहा है कि देशमुख सरनेम महाराष्ट्र के लोग लगाते हैं और प्रवीण सिख बहुल इलाके से चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में उन्हें सरनेम से नुकसान की संभावना नजर आई।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना ने अपने नाम से सरनेम हटा लिया है। बताया जा रहा है कि AAP आतिशी को लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। उनके सरनेम 'मार्लेना' से उनके ईसाई होने का भान होता है। इस वजह से चुनाव में नुकसान न हो, इसलिए उनका सरनेम हटाया गया है। हालांकि, पार्टी लगातार इस बात से इनकार कर रही है। 

आतिशी के सरनेम हटाने की खबर के बीच AAP के पूर्व नेता आशुतोष सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा था कि 2014 में चांदनी चौक सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान उन्हें पार्टी ने नाम के साथ सरनेम लगाने को कहा था। उन्होंने कहा कि जाति के मतदाताओं को लुभाने के लिए आशुतोष के नाम के साथ गुप्ता जोड़ा गया था।

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