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निर्भया कांड में एक और दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की क्यूरेटिव याचिका

निर्भया कांड के दूसरे दोषी मुकेश कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की क्यूरेटिव याचिका दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Fri, 10 Jan 2020 07:32 AM (IST)
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निर्भया कांड में एक और दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की क्यूरेटिव याचिका
नई दिल्‍ली, जेएनएन। निर्भया कांड के दूसरे दोषी मुकेश कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की क्यूरेटिव याचिका दी है। इसके लिए जरिए फांसी की सजा को चुनौती दी गई है। इससे पहले दोषी विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की क्यूरेटिव याचिका दी है।  

गुरुवार को दाखिल याचिका में विनय शर्मा और मुकेश कुमार ने कोर्ट से फांसी की सजा पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की है। दिल्ली की निचली अदालत ने दुष्कर्म और हत्या के दोषी चारों दोषियों के खिलाफ 22 जनवरी का डेथ वारंट जारी कर रखा है। यानी चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दिये जाने की तारीख तय की गयी है। चार दोषियों में विनय शर्मा पहला दोषी है जिसने डेथ वारंट जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है। उसके बाद मुकेश कुमार ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के लिए क्यूरेटिव याचिका आखिरी कानूनी विकल्प है। हालांकि इसके बाद अभियुक्त के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का भी विकल्प बचा है।

दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल छात्रा से रात में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था जिसमें छात्रा से इस कदर दरिंदगी हुई थी कि बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारो अभियुक्तों मुकेश, पवन गुप्ता, अक्षय सिंह और विनय कुमार शर्मा को मृत्युदंड दिया जा चुका है।

सजा माफ करने की गुहार लगाई

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट से चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका भी खारिज हो चुकी है और उसके बाद ही निचली अदालत ने दोषियों के खिलाफ 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दिये जाने का डेथ वारंट जारी किया था। विनय वकील एपी सिंह के जरिये दाखिल की गई क्यूरेटिव याचिका में खराब सामाजिक आर्थिक स्थिति और युवा उम्र का हवाला देते हुए फांसी की सजा माफ करने की गुहार लगाई गई है।

कई पूर्व फैसलों का दिया गया हवाला

याचिका में पारिवारिक स्थिति का जिक्र करते हुए यह भी कहा गया है कि कोर्ट ने दोषी में सुधार की संभावनाओं के पहलू पर विचार नहीं किया है। उसका जेल में आचरण अच्छा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के कई पूर्व फैसलों का हवाला दिया गया है जिसमे कोर्ट ने मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किया है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा देने के 5 मई 2017 के आदेश को रद करने की मांग की गई है साथ ही 9 जुलाई 2018 को विनय की पुनर्विचार याचिका खारिज करने का आदेश भी निरस्त करने की गुहार लगाई गयी है। इस पर अगले कुछ दिनों में सुनवाई हो सकती है।

दोषियों को सौंपी कोर्ट के फैसले की प्रति

इससे पहले तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से निर्भया के चारों दोषियों को पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले की प्रति सौंप दी गई थी। कहा जा रहा था कि वे इसे पढ़कर कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकते हैं वहीं, इस पर अमल करते हुए एक दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

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