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दिल्ली वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, दो महीने में तैयार हो जाएगा एक और गोल्फ कोर्स; क्लब हाउस में होंगी कई सुविधाएं

गोल्फ कोर्स बनाने के लिए सभी कार्य अप्रैल से पहले पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। गोल्फ कोर्स के लिए आम तौर पर मैक्सिकन घास का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यहां कोर्स के अधिकतम हिस्से में मैक्सिकन घास के बजाय देशी घास का इस्तेमाल किया गया है। इसकी वजह देश की जलवायु के अनुरूप इस घास का उपयुक्त होना है।

By Gautam Kumar Mishra Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Thu, 15 Feb 2024 08:02 PM (IST)
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दो महीने में तैयार हो जाएगा एक और गोल्फ कोर्स
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। दिल्ली वालों को अप्रैल महीने तक एक और गोल्फ कोर्स मिलने जा रहा है। 250 करोड़ की लागत से यशोभूमि के नजदीक व प्रस्तावित द्वारका डिप्लोमेटिक एंक्लेव के सटे द्वारका सेक्टर 24 में 171 एकड़ में विकसित हो रहे 18 होल वाले इस गोल्फ कोर्स में हरियाली से जुड़े कार्य करीब करीब पूरे किए जा चुके हैं।

गोल्फ कोर्स परिसर में हरियाली की फैली चादर आसपास से गुजरने वालों का ध्यान खूब खींच रही है। फिलहाल क्लब हाउस व ड्राइविंग रेंज से जुड़े कार्य तेजी से चल रहे हैं। सभी कार्य अप्रैल से पहले पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। यदि कुछ कार्य शेष रह जाते हैं, तब चरणबद्ध तरीके से गोल्फ कोर्स के विभिन्न हिस्से को गोल्फ प्रेमियों के लिए खोला जाएगा।

दो चरणों में पूरा किया जाना था काम

मूल योजना के मुताबिक, गोल्फ कोर्स का निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा किया जाना था। पहले चरण में गोल्फ कोर्स की जमीन पर मिट्टी, हरियाली व सिंचाई से जुड़े कार्य होते तथा दूसरे चरण में यहां गोल्फ अकादमी, क्लब हाउस व ड्राईविंग रेंज जैसी अन्य सुविधाओं का विकास होता। क्लब हाउस में जिम, स्विमिंग पूल, रेस्तरां, कान्फ्रेंस हाल सहित अन्य सुविधाएं यहां आने वाले लोगों के लिए उपलब्ध होती।

दोनों चरणों के लिए अलग-अलग बजट का प्रावधान था। पहले चरण के बाद दूसरे चरण से जुड़ा कार्य होता। लेकिन अब दोनों चरण से जुड़े कार्य एक साथ कराए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि हम लक्ष्य तक पहुंचने के लिए तेज गति से कार्य कर भी रहे हैं। गोल्फ कोर्स में कायम हरियाली की सिंचाई के लिए यहां पर्याप्त इंतजाम किए हैं। पानी की एक बूंद भी यहां बर्बाद नहीं हो, इसके लिए दो एसटीपी यहां बनाए जा रहे हैं। वर्षा जल

संचयन से जुड़े 11 पिट यहां बनाए गए हैं। कुल तीन झील यहां बनाया गया है, जिनमें वर्षा का पानी इकट्ठा होगा। परिसर में कहीं जलभराव की समस्या नहीं हो, इसके लिए यहां नालियों का एक नेटवर्क तैयार किया गया है जहां तेजी से पानी बहकर पिट तक पहुंच जाएगा। इस पानी का इस्तेमाल सिंचाई में होगा। अधिकारियों का कहना है कि वर्षा जल व एसटीपी से इतने पानी की उपलब्धता हो जाएगी कि यहां भूजल के इस्तेमाल की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

क्लब हाउस में कई सुविधाएं

यहां गोल्फ प्रेमियों को क्लब हाउस की भी सुविधा मिलेगी। क्लब हाउस में जिम, रेस्तरां, काफी शाप, बार सहित अनेक सुविधाएं हाेंगी। वहीं क्लब हाउस के नजदीक ही ड्राइविंग रेंज का पूरा ढांचा अब नजर आने लगा है। स्टील के बड़े बड़े ढांचे दूर से लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। इन ढांचों पर नायलान से बनी जाल लगाई जा रही है। गोल्फ क्लब की इमारत का कार्य भी तेज गति से चल रहा है। इसकी दो मंजिलें बनाई जा चुकी हैं। इसी तरह कार्ट पाथ भी नजर आने लगा है।

देशी घास का अधिक इस्तेमाल

डीडीए के एक अधिकारी का कहना है कि गोल्फ कोर्स के लिए आम तौर पर मैक्सिकन घास का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यहां कोर्स के अधिकतम हिस्से में मैक्सिकन घास के बजाय देशी घास का इस्तेमाल किया गया है। इसकी वजह देश की जलवायु के अनुरूप इस घास का उपयुक्त होना है। जहां विदेशी घास का विकास तीव्र गति से होता है वहीं देशी घास का विकास उतनी तीव्र गति से नहीं होता है। गोल्फ कोर्स में यदि तीव्र गति से घास का विकास हो तो यह गोल्फ खेलने के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता है। इसकी रखरखाव भी आसानी से हो जाती है।

अभी दिल्ली में डीडीए के अधीन दो गोल्फ कोर्स कुतुब गोल्फ कोर्स व भलस्वा गोल्फ कोर्स हैं। इसके अलावा दिल्ली में डा जाकिर हुसैन मार्ग पर दिल्ली गोल्फ कोर्स है। छावला में भी सीमा सुरक्षा बल परिसर में एक गोल्फ कोर्स है। धौलाकुआं में भी दिल्ली छावनी इलाके में एक गोल्फ कोर्स है। द्वारका सेक्टर 24 का गोल्फ कोर्स डीडीए का तीसरा गोल्फ कोर्स होगा।

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