RML के अलावा अन्य अस्पतालों में तो नहीं है नेक्सस, डॉक्टरों के मोबाइल से CBI के हाथ लग सकते हैं अहम सबूत
सीबीआई के एक अधिकारी का कहना है कि आरोपितों से पूछताछ में यह पता लग जाएगा कि अस्पताल के डॉक्टरों का नेक्सस कब से चल रहा था। यहां के डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को रिश्वत देकर चिकित्सा उपकरण व महंगी दवा आपूर्ति करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों का नेक्सस केवल आरएमएल अस्पताल तक ही सीमित है अथवा दिल्ली के अन्य अस्पतालों में भी है।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में फैले भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने बृहस्पतिवार को दो और आरोपित को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में आरएमएल अस्पताल की नर्स शालू शर्मा व चिकित्सा उपकरण बनाने वाली एक कंपनी के सेल्स मैनेजर आकर्षण गुलाटी शामिल हैं।
इनसे पहले सीबीआई ने बुधवार को कार्डियोलोजी विभाग के दो वरिष्ठ डॉक्टर अजय राज (प्रोफेसर), डॉक्टर पर्वतगौड़ा (सहायक प्रोफेसर), सीनियर टेक्निकल इंचार्ज, कैथ लैब, रजनीश कुमार, क्लर्क भुवाल जायसवाल, मल्टी टास्किंग कर्मचारी शालू शर्मा, क्लर्क संजय कुमार गुप्ता समेत चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने में शामिल नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई कर रही गहन पूछताछ
सभी को छह दिन की कस्टडी रिमांड पर लेकर सीबीआई गहन पूछताछ कर रही है। इनके मोबाइल और लैपटॉप को भी सीबीआइ ने जब्त कर लिया है। उम्मीद है कि इनके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच करने पर कई अहम सुबूत हाथ लग सकते हैं, जिसके आधार पर भ्रष्टाचार में संलिप्त अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सिंग कर्मियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, दलालों व चिकित्सा उपकरणों व दवा आपूर्ति करने वाले आरोपितों की पहचान करने में आसानी होगी।डॉक्टरों का नेक्सस कब से चल रहा था?
सीबीआई के एक अधिकारी का कहना है कि आरोपितों से पूछताछ में यह पता लग जाएगा कि अस्पताल के डॉक्टरों का नेक्सस कब से चल रहा था। यहां के डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को रिश्वत देकर चिकित्सा उपकरण व महंगी दवा आपूर्ति करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों का नेक्सस केवल आरएमएल अस्पताल तक ही सीमित है अथवा दिल्ली के अन्य अस्पतालों में भी है।
पूछताछ और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच से यह साफ हो पाएगा कि सीबीआई की जांच का दायरा बढ़ेगा अथवा सीमित ही रहेगा। सीबीआई का कहना है जैसे-जैसे अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की शिकायत मिलेगी उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सीबीआई का कहना है कि यह भी शिकायत मिली है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को अगर खून की आवश्यकता होती थी तो नर्सिंग कर्मचारी दलालों के माध्यम से तीमारदारों को खून का बंदोबस्त भी करवा देते थे।
शालू शर्मा इलाज के नाम पर ऐंठती थी पैसे
साथ ही किसी बीमारी का कोई मरीज अगर किसी कारणवश ऑपरेशन की तारीख पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते थे तब दलालों के माध्यम से नर्सिंग कर्मचारी रिश्वत लेकर किसी अन्य मरीज को ऑपरेशन की तारीख दिलवा देते थे। सीबीआई इस फर्जीवाड़े की भी जांच कर रही है। शालू शर्मा पर आरोप है कि वह मरीजों के तीमारदारों से डॉक्टरों के पास तुरंत नंबर लगवा इलाज के नाम पर पैसे ऐंठती थी। भुवल जायसवाल भी तीमारदारों से उनके मरीजों का इलाज करवा देने के नाम पर पैसा ऐंठता था।
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