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मास्क लगाने की अपील की तो आग बबूला हुए तीमारदार, इंदिरा गांधी अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ की बदसलूकी

द्वारका सेक्टर-10 स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल की इमरजेंसी विभाग में कार्यरत महिला जूनियर रेजीडेंट चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। पीड़िता ने मामले में पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस को दी अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि बुधवार को उनकी ड्यूटी इमरजेंसी विभाग में थी।

By Manisha GargEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Thu, 13 Apr 2023 06:03 PM (IST)
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पीड़िता ने मामले में पुलिस को शिकायत दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। द्वारका सेक्टर-10 स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल की इमरजेंसी विभाग में कार्यरत महिला जूनियर रेजीडेंट चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। पीड़िता ने मामले में पुलिस को शिकायत दी है।

पुलिस को दी अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि बुधवार को उनकी ड्यूटी इमरजेंसी विभाग में थी। रात करीब आठ बजे कुछ लोग एक मरीज को लेकर इमरजेंसी विभाग में आए थे। प्राथमिक जांच के बाद नर्सिंग अर्दली को कहा गया कि वह मरीज को बेड पर लेटने में मदद करें।

इस बीच पीड़िता पहले से भर्ती मरीज की गंभीरता को देखते हुए उनके उपचार में जुट गई। इस दौरान इमरजेंसी में दूसरे चिकित्सक नहीं थे। सुरक्षाकर्मी ने मरीज के साथ आए सभी तीमारदारों को इमरजेंसी विभाग के बाहर इंतजार करने को कहा और मास्क लगाने की अपील की।

सुर्क्षाकर्मियों को दी गालियां

मास्क लगाने की अपील की तो सभी तीमारदार गुस्सा हो गए और उन्होंने सुरक्षाकर्मी को गंदी-गंदी गलियां देनी शुरू कर दी। पीड़िता के अपील करने पर कुछ तीमारदार इमरजेंसी वार्ड से बाहर चले गए। पर जो मरीज के साथ रुके हुए थे वे लगातार पीड़िता को गलियां दे रहे थे। पीड़िता के बार-बार मना करने के बाद भी जब वे चुप नहीं हुए थे तो पीड़िता ने सीएमओ को मामले की जानकारी दी।

सीएमओ ने तीमारदारों को समझाने का काफी प्रयास किया, पर उन्होंने उन्हें भी जमकर गलियां दी। पीड़िता के अनुसार वे सभी नशे में थे। ड्यूटी का समय खत्म होने के बाद पीड़िता के पिता उन्हें लेने के लिए अस्पताल आए तो तीमारदारों ने उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया।

उन्होंने पीड़िता के पिता को जान से मारने की धमकी दी और उनके साथ धक्का-मुक्की की। इसके बाद पीड़िता ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संदीप डागर ने बताया कि चिकित्सकों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि वह अस्पताल में सुरक्षा की व्यवस्था को चाक-चौबंद करें।

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