गर्मियां शुरू होते ही सिंघु बॉर्डर पर बदला नजारा, धरने पर अब ठंडई और जूस मिलेगी; पंखे का भी किया इंतजाम
बॉर्डर पर अब बांटे जाने वाले लंगरों में सूप और जलेबियों की जगह ठंडाई व जूस ने ले ली है। यहां खापों के अलावा पंजाब से पहुंचे लोगों ने जगह-जगह जूस व ठंडाई के स्टाल लगा लिए हैं। यहां पंखों व कूलरों का प्रबंध भी किया जा चुका है।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 04 Mar 2021 12:48 PM (IST)
नई दिल्ली/सोनीपत, जागरण संवाददाता। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में मौसम का असर दिखने लगा है। सर्दियों के समय शुरू हुआ आंदोलन अब तीन महीने बाद गर्मी के मौसम में प्रवेश कर गया है। बढ़ते तापमान को देखते हुए अब आंदोलन स्थल पर नए सिरे से तैयारी शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में चिलचिलाती धूप का सामना करने के लिए आंदोलनकारी भी तैयारी में जुट गए हैं। बॉर्डर पर अब बांटे जाने वाले लंगरों में सूप और जलेबियों की जगह ठंडाई व जूस ने ले ली है।
यहां खापों के अलावा पंजाब से पहुंचे लोगों ने जगह-जगह जूस व ठंडाई के स्टाल लगा लिए हैं। यहां पंखों व कूलरों का प्रबंध भी किया जा चुका है। यही नहीं, गर्मी से बचने के लिए हर 100 मीटर पर पेयजल की सेवा शुरू कर दी गई है। यहां पर बने अस्थायी अस्पताल में अब डायरिया व पेट संबंधी दवाओं का स्टाक भी पहुंचाया जा रहा है।
दोपहर को सुनसान दिखने लगीं सड़कें
बढ़ती गर्मी और तेज धूप के कारण आंदोलन पर अब दोपहर के वक्त सड़कें सुनसान दिखने लगी हैं। आंदोलनकारियों के छह किलोमीटर के पड़ाव में पहले के मुकाबले भीड़ कम होने के कारण भी रोड पर ज्यादा भीड़ नहीं रहती है। इसके अलावा दोपहर के वक्त तेज धूप होने के कारण लोग टेंटों या नई झोपडि़यों में ही आराम करते हैं।
आंदोलन जितना भी लंबा चले, पीछे नहीं हटेंगेकुंडली बॉर्डर पर चल रहे धरने के दौरान गुरनाम चढ़ूनी ग्रुप के हरप्रीत सिंह ने कहा कि आंदोलनकारी पीछे हटने वाले नहीं हैं। हम हर हाल में ये लड़ाई जीतकर ही यहां से जाएंगे, चाहे आंदोलन जितना लंबा चले। ये हमारे हक की लड़ाई है। अगर यह लड़ाई 2024 तक भी ले जानी पड़ी तो लेकर जाएंगे। लोगों ने दिल्ली के बॉर्डरों पर खुले आसमान के नीचे सर्दी गुजारी है और अब गर्मी भी यहीं गुजारने को तैयार हैं।
मच्छरों से बचने के भी इंतजाम तापमान बढ़ने के साथ ही अब मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ने लगा है। जीटी रोड पर बैठे आंदोलनकारियों ने इससे भी बचने के इंतजाम शुरू कर दिए हैं। गर्मी से बचने के लिए लंबी-लंबी झोपड़ियां बनाई जा रही है और फिर उसमें 20-25 बिस्तर लगाकर उस पर मच्छरदानी लगाई जा रही है।सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा में धरनास्थल पर पंखे लगा दिए गए हैं, जिसके प्रदर्शनकारियों को दिक्कत नहीं आए। यहां पर टेंट काफी पहले से लगे हुए हैं।
इस बीच प्रदर्शनकारी सिंघु बॉर्डर-नरेला रोड पर गन्नों से भरी ट्राली लेकर पहुंच गए हैं। लोगों को यहां गन्ने का रस पिलाया जाएगा।समर्थकों को परेशान कर रही है सरकार: मोर्चा वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को दबाने के लिए सरकार पर साजिश करने का आरोप लगाया है। विज्ञप्ति जारी कर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल ने कहा कि सरकार के अनेक प्रयासों के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कायम है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई हस्तियों ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। सरकार उनकी मांगें मानने के बजाय लगातार आंदोलनकारियों व उनके समर्थकों को परेशान कर रही है। हाल में ही तापसी पन्नू और उनके साथियों से संबंधित कई जगहों पर आयकर विभाग ने छापे मारे हैं। सयुंक्त किसान मोर्चा सरकार के इन सभी प्रयासों की निंदा करता है।
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