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'CM की कुर्सी की भूख नहीं, आने वाला चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा', जनता की अदालत में बोले अरविंद केजरीवाल

भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से इस्तीफा देने वाले दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर-मंतर पर जनता की अदालत लगाई। इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने फैसले के बारे में जनता के सवालों का जवाब दिया। केजरीवाल ने मंगलवार को अपने इस्तीफे के बाद से कोई बयान नहीं दिया था। कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी भी शामिल हुईं।

By V K Shukla Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 22 Sep 2024 12:46 PM (IST)
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अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर जनता की अदालत लगाई। (फोटो- सोशल मीडिया)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज जंतर मंतर पर 'जनता की अदालत' लगाई है। 

इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "आज हमें 2011 का समय याद आ रहा है, जब भ्रष्टाचार के खिलाफ 4 अप्रैल को अन्ना आंदोलन शुरु हुआ था। इस समय की अहंकारी सरकार ने हमारी बात नहीं मानी थी और कहा था कि चुनाव लड़ कर दिखाओ। हमने चुनाव लड़ा और साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़े भी जा सकते हैं और जीते भी जा सकते हैं। पहली बार में दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई।"

केजरीवाल के संबोधन की प्रमुख बातें

  • हमने 10 साल में ऐसे काम कर दिए कि दूसरे सोच भी नहीं सकते थे।
  • मोदी जी को लगा कि ये समस्या खड़ी कर सकता है तो हमें भ्रष्टाचारी साबित करने के लिए हमारी ईमानदारी पर चोट की गई, हम सब को जेल में डाल दिया।
  • भाजपा वाले मुझे चोर कहते हैं मुझे दुख होता है, इसीलिए इस्तीफा दिया है।
  • मैंने अपनी पूरी जिंदगी में कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है।
  • मैं भ्रष्टाचार के दाग के साथ नहीं जी सकता। इसलिए सीएम पद से इस्तीफा दिया है।
  • मैं कहता हूं कि केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं।
  • मुझे मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की भूख नहीं है।
  • आरएसएस वाले कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी हैं मैं मोहन भागवत से पूछ रहा हूं। जिस तरह मोदी जी दूसरे दलों के नेताओं को लालच या धमकी देकर तोड़ रहे हैं क्या ये सही है?
  • मैं पूछना चाहता हूं कि क्या इस तरह की राजनीति ठीक है?
  • आरएसएस भाजपा की मां के समान है आज वह बेटा अपनी मां को आंखे दिखा रहा है।
  • जब नड्डा ने आरएसएस के लिए कहा कि हमें उसकी जरूरत नहीं है, क्या ये सही है?
  • उम्र का जो नियम भाजपा के नेताओं पर लागू है वह मोदी पर क्यों लागू नहीं है?
  • मैं उम्मीद करता हूं कि भागवत जी इन प्रश्नों का जवाब देंगे।
  • आने वाला चुनाव मामूली चुनाव नहीं है यह अरविंद केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है।
  • झाड़ू आम आदमी पार्टी का सिर्फ चुनाव चिन्ह नहीं है, ये आस्था का प्रतीक है।

केजरीवाल की पहली जनता की अदालत

यह केजरीवाल की पहली जनता की अदालत है, या यों कहें कि यहीं से जनता की अदालत की शुरुआत करेंगे। इस कार्यक्रम में शामिल होने आई जनता से ही वह पूछेंगे कि क्या उन्हें भरोसा है कि केजरीवाल ईमानदार है या नहीं। जंतर मंतर पर आयोजित इस कार्यक्रम में पूरी दिल्ली से लोग शामिल होने पहुंचे।

आप को भरोसा है कि ‘जनता की अदालत’ में दिल्ली के लोग कहेंगे कि मेरा केजरीवाल ईमानदार है। सूत्रों का कहना है कि जनता की अदालत में केजरीवाल कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। इस आयोजन में मुख्यमंत्री आतिशी सहित पूरी कैबिनेट शामिल होने पहुंची।

हर अभियान का केंद्र बिन्दु रहेंगे केजरीवाल

आप के जानकार कहते हैं कि दिल्ली में चलने वाले हर अभियान का केंद्र बिन्दु अरविंद केजरीवाल ही रहेंगे। पार्टी जिस तरह से रणनीति तैयार कर रही है उसमें इसी पर ध्यान दिया जा रहा है कि किस तरह केजरीवाल प्रत्येक विधानसभा में पहुंच सकें और अपनी बात जनता के सामने रख सकें।

पार्टी एक तरफ अभियान चलाकर जनता को यह अहसास कराने की कोशिश करेगी कि अगर केजरीवाल की सरकार नहीं रहेगी तो उन्हें मिल रहीं फ्री वाली सुविधाएं नहीं मिल सकेंगी, भाजपा इन सभी सुविधाओं को बंद करा देगी।

जनता में यह संदेश प्रमुखता से दिया जाना है कि उन्हें फ्री बिजली, पानी नहीं मिल सकेगा, महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा नहीं मिल सकेगी।अच्छे स्कूल नहीं मिल सकेंगे, अस्पतालों में अच्छा इलाज नहीं मिल सकेगा। मोहल्ला क्लीनिक बंद करवा दिए जाएंगे। जनता से यह भी पूछा जाएगा कि फ्री वाली सुविधाएं आप को किसकी सरकार में मिली हैं और इससे उनका परिवार चलाने में कितनी मदद मिलती है।

केजरीवाल ने रिहा होने के बाद इस्तीफा क्यों दिया?

आप नेता संदीप पाठक ने कहा, "केजरीवाल जनता की अदालत में जाएंगे और कहेंगे कि अगर वे ईमानदार हैं तो वोट दें। दो बड़े सवाल थे- जेल में रहते हुए उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया और रिहा होने के बाद क्यों दिया? जब वे जेल में थे तो बहुत दबाव था। भाजपा ने पार्टी को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन केजरीवाल ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया क्योंकि आप दबाव में आकर उन्हें नहीं तोड़ सकते। अब उन्होंने नैतिकता और मर्यादा को ऊपर रखते हुए इस्तीफा दिया है और अब जनता के बीच जाकर कहेंगे कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट देकर फिर से चुनिए।"

‘जनता की अदालत’ में दिल्लीवाले लगाएंगे मुहर- दिलीप पांडेय

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आप के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडेय ने कहा, "हमें पूरा भरोसा है कि ‘जनता की अदालत’ में दिल्ली के लोग कहेंगे कि मेरा केजरीवाल ईमानदार है। भाजपा ने झूठे आरोप लगाकर अपनी एजेंसियों से अरविंद केजरीवाल को इस लिए गिरफ्तार कराया, क्योंकि वह दिल्लीवालों को मिल रही बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक, बुजुर्गों की तीर्थयात्रा, महिलाओ की बस यात्रा समेत अन्य सुविधाएं रोकना चाहती है।"

ईडी-CBI जैसी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग

उन्होंने आगे कहा, "इसके बाद भी हमारी सरकार ने एक भी काम नहीं रुकने दिया। दिलीप पांडेय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूरी दिल्ली और देश ने देखा है कि भाजपा ने कैसे ईडी-सीबीआई जैसी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके आम आदमी पार्टी को खरीदने और तोड़ने की कोशिश की।"

उन्होंने कहा कि भाजपा जब इन संस्थाओं की मदद से आम आदमी पार्टी को तोड़ नहीं पाई तो पार्टी को बर्बाद और खत्म करने की नीयत से हमारे नेताओं पर बेबुनियाद आरोप लगाए और बिना सबूत के एक-एक कर हमारे नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया।