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इमरान खान से लेकर सिसोदिया तक... केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ कोर्ट में दी गईं जबरदस्त दलीलें; पढ़ें बड़ी बातें

Arvind Kejriwal दिल्ली हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल की याचिका पर बहस हुई। उन्होंने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ चुनौती दी है। जिसमें सीबीआई और केजरीवाल के बीच बहस हुई। इस पर फैसला भी कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया। कोर्ट में केजरीवाल के वकील ने बहस के दौरान जोरदार दलीले दीं। उन्होंने इमरान खान से लेकर सिसोदिया और भगवान से लेकर आतंकवादी शब्दों तक का प्रयोग किया।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 17 Jul 2024 05:23 PM (IST)
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अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में हुई बहस।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी व रिमांड आदेश को चुनौती देने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। आबकारी नीति मामले में इस दौरान कोर्ट में केजरीवाल और सीबीआई के वकील में जिरह में जोरदार बहस हुई। वहीं, कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका सुनवाई के लिए 29 जुलाई को सूचीबद्ध कर दी है।

अरविंद केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह पेश हुए। मनु सिंघवी ने केजरीवाल की जमानत के लिए पाकिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री, आप नेता मनीष सिसोदिया तक का जिक्र किया गया। इसके अलावा उन्होंने  भगवान से लेकर आतंकवादी शब्द भी प्रयोग किए।

सिसोदिया का कवर मत लीजिए

सीबीआई के वकील ने डीपी सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से सिर्फ पांच को जमानत मिली है। ये कोई और नहीं बल्कि के कविता, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के अधीन काम करने वाले लोग हैं। हुक्म चलाने के अलावा उनकी कोई भूमिका नहीं है। सिंघवी ने कहा कि अभी ट्रायल शुरू भी नहीं हुआ है। ट्रायल शुरू भी नहीं हो सकता। मनीष सिसोदिया की आड़ मत लीजिए।

यहां पढ़ें कोर्ट में पेश हुए केजरीवाल के वकील ने दलील में कौन सी बड़ी बातें की-

केजरीवाल के वकील ने कहा कि सीबीआई के पास गिरफ्तार करने के लिए कोई सुबूत नहीं था। सीबीआई ने सिर्फ इस रूप में गिरफ्तारी की थी कि अगर केजरीवाल बाहर आते हैं तो यह एक अतिरिक्त गिरफ्तारी है। केजरीवाल के पक्ष में तीन रिलीज ऑर्डर हैं।

सिंघवी ने तर्क दिया कि केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नियमित जमानत मिल चुकी है, इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जिस पर अदालत पर निर्णय होगा। वहीं, केजरीवाल को शीर्ष अदालत से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। ऐसे में सीबीआई की गिरफ्तारी इसी का परिणाम हैं।

सिंघवी ने कहा कि कुछ तारीखों को देखना जरूरी है। 17 अगस्त 2022 में हुई प्राथमिकी में केजरीवाल का नाम नहीं है। इसके बाद 14 मार्च 2023 को केजरीवाल को समन भेजा गया और मैं समन पर पेश हुआ। सीबीआई ने बीते 240 दिनों में मुझसे पूछताछ की जरूरत नहीं समझी।

सिंघवी ने कहा कि वर्ष 2024 में तीन महीने बीतने के बाद चुनाव आचार संहिता लागू होने पर 21 मार्च को ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया। केजरीवाल न्यायिक हिरासत में थे और इसी बीच सीबीआई ने कस्टडी की मांग की।

सिंघवी ने कहा कि सामान्य ज्ञान के अनुसार, इस परिस्थिति में केजरीवाल को गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं थी। वह भी तब जब निचली अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को नियमित जमानत दे दी। सीबीआई पूरे मामले में 26 जून को सक्रिय हुई। अचानक से केजरीवाल सीबीआई के लिए अहम हो गए और वह उनकी कस्टडी की मांग करती है।

सिंघवी ने कहा कि 12 जुलाई को केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से ईडी मामले में अंतरिम जमानत मिल गई। ऐसे में सीबीआई की गिरफ्तारी के कारण केजरीवाल वहीं पर हैं, जहां थे, क्योंकि जांच एजेंसियां किसी भी हथकंडे से केजरीवाल को सलाखों के पीछे रखना चाहती है।

सिंघवी ने तर्क दिया कि ऐसे में मेरा प्वाइंट यह है कि दो साल तक चुप बैठने वाली सीबीआई केजरीवाल को अदालत से राहत मिलने के बाद क्यों सक्रिय हुई।

सिंघवी ने कहा कि मेरा दूसरा प्वाइंट यह है कि आप स्वतंत्रता के सबसे व्यापक मौलिक अधिकार और कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए केजरीवाल के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते।

सिंघवी ने कहा कि आखिरकार केजरीवाल आतंकवादी न होकर एक मुख्यमंत्री हैं। केजरीवाल को आवेदन की प्रति कभी नहीं मिलती और कोई नोटिस नहीं दिया गया है, केजरीवाल की बात नहीं सुनी गई।

सिंघवी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को चार दिन पहले ही पीएमएलए के तहत नियमित जमानत दी है। हमें गर्व है कि हम वह देश नहीं हैं जहां तीन दिन पहले इमरान खान रिहा हुए, सभी ने अखबार में पढ़ा और उन्हें एक और मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। हमारे देश में ऐसा नहीं हो सकता।

सिंघवी ने कहा कि अगर केजरीवाल पूछताछकर्ता से कहें कि तुम भाड़ में जाओ तो मैं जवाब नहीं दूंगा, क्या अदालत कह सकती है कि आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा? मैं अपनी बात समझाने के लिए एक अतिवादी प्रश्न पूछ रहा हूं।

सिंघवी ने कहा कि अंत में जांच एजेंसी की प्रार्थना है कि कृपया केजरीवाल को गिरफ्तार करने की अनुमति दें। यह कैसी प्रार्थना है? मैंने इस प्रकार का आवेदन कभी नहीं देखा है, जिसमें यह दिखाने का एक भी प्रयास नहीं किया गया कि आप किस धारा के तहत गिरफ्तारी करना चाहते हैं। कोई कारण भी नहीं बताया गया। उसी दिन, बिना मुझे सूचना दिए या मुझे सुने, इसकी अनुमति दे दी गई।

सिंघवी ने कहा कि जज का पूरा काम फिल्टर का होता है, लेकिन न तो कोई नोटिस, न कोई सुनवाई और वह आदेश पारित कर देता है।

सिंघवी ने कहा कि 25 जून को आवेदन दिया गया, उसी दिन आदेश पारित कर दिया गया और भगवान की थोड़ी सी दया के लिए धन्यवाद, केजरीवाल को अगले दिन आदेश मिल गया। सिंघवी ने कहा कि निचली अदालत कुछ इस तरह से काम कर रही है।

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