केजरीवाल ने पीएम को लिखा खत: नोट पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो से देश करेगा तरक्की, लोगों में भी जबरदस्त उत्साह
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खत लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भारतीय करेंसी पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर लगाने की मांग की है। यह जानकारी अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर दी है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अब बाकायदा खत लिखकर भारतीय करेंसी पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ गणेश और लक्ष्मी की तस्वीर लगाने की मांग की है। अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर खत लिखे जाने की जानकारी खुद दी।
पत्रकार वार्ता में कर चुके हैं इसकी मांग
अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट किया- 'मैंने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर 130 करोड़ भारतवासियों की ओर से निवेदन किया है कि भारतीय करेंसी पर महात्मा गांधी जी के साथ-साथ लक्ष्मी गणेश जी की तस्वीर भी लगाई जाए। बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पत्रकार वार्ता कर यही मांग की थी। अब खत लिखकर मोदी से यही मांग दोहराई है।
अरविंद केजरीवाल ने दिया था इंडोनेशिया का हवाला
बुधवार को पत्रकार वार्ता के दौरान अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की थी कि हम सब लोग प्रयास करते हैं, लेकिन वे तभी फलीभूत होते हैं, जब हमारे ऊपर देवी-देवताओं का आशीर्वाद होता है। इसके साथ यह भी तर्क दिया था कि इंडोनेशिया में 85 प्रतिशत आबादी मुस्लिम और दो प्रतिशत से भी कम हिंदू हैं, लेकिन उनके नोट पर गणेश जी की तस्वीर होती है।
एक तरफ गांधी जी तो दूसरी ओर लगे गणेश और लक्ष्मी की तस्वीर
बुधवार काे प्रेसवार्ता कर अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा था कि भारतीय करेंसी पर एक तरफ गांधी जी की तस्वीर पहले की भांति रहे और दूसरी तरफ लक्ष्मी-गणेश जी की तस्वीर लगाई जाए।उन्होंने कहा कि अगर भारतीय करेंसी पर एक ओर गांधी जी और दूसरी तरफ लक्ष्मी-गणेश जी की तस्वीर होगी तो इससे पूरे देश को उनका आशीर्वाद मिलेगा।
अरविंद केजरीवाल ने गांधी जी के साथ लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर लगाने का तर्क देते हुए कहा था कि जब मुस्लिम देश इंडोनेशिया ऐसा कर सकता है तो कम क्यों नहीं कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि सारे नोट बदले जाएं, लेकिन हर महीने जितने नए नोट छापे जाएं, उन पर यह शुरुआत की जा सकती है।