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'हम कोई एहसान नहीं कर रहे और इसमें न कोई हिंदू-मुसलमान है', पटाखे बैन पर केजरीवाल का जवाब

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार दिन में एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने का एलान करने के साथ ही पटाखों पर लगे बैन पर भी बात की। इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कहा है जो माना जा रहा है कि धीरेंद्र शास्त्री और आरआरएस को जवाब है।

By Jagran News Edited By: Pooja Tripathi Updated: Wed, 30 Oct 2024 02:29 PM (IST)
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जहां दिल्ली के 64000 सफाई कर्मचारियों के लिए बड़ा एलान किया है, वहीं दिल्ली-एनसीआर में लगे पटाखा बैन पर जो सवाल उठ रहे हैं उनका भी जवाब दिया।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री से जब प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पटाखा बैन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह तो सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट सभी ने कहा है कि दीपावली रोशनी का त्योहार है, खुशियों का त्योहार है न कि पटाखों का।

'हम अपने ऊपर एहसान कर रहे हैं'

प्रदूषण के मद्देनजर हमें दीये जलाकर मोमबत्ती जलाकर हम अपना त्योहार मनाएं। पटाखे नहीं जलाने चाहिए, पटाखों से प्रदूषण होता है। केजरीवाल ने आगे कहा कि पटाखे न जलाकर ऐसा नहीं है कि हम किसी पर एहसान कर रहे हैं। हम अपने ऊपर ही एहसान कर रहे हैं।

प्रदूषण होगा तो हम ही उससे भुगतेंगे, हमारे छोटे-छोटे बच्चे भुगतेंगे। इसमें कोई हिंदू-मुसलमान और कोई धर्म की बात नहीं है, सबकी सांसें जरूरी हैं।

धीरेंद्र शास्त्री ने कहीं ये बातें

गौरतलब है कि दीपावली पर पटाखा बैन को लेकर बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान आया है। उन्होंने पटाखा बैन को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसे हिंदुओं के त्योहार पर हमला और साजिश करार दिया है।

उनका कहना है कि कोई बकरीद पर सवाल क्यों नहीं उठाता। जब भी सनातन धर्म के त्योहार आते हैं तो कानून उल्लंघन की बात की जाती है। उन्होंने कहा कि कई लोग तो ये भी कह देते हैं कि इतने तेल के दीये जलते हैं उससे कितने गरीबों का भला हो जाएगा।

धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, मैं दीपावली के समय सवाल उठाने वालों से कहना चाहता हूं कि इस देश में बकरीद भी तो मनाते हैं, उसे बंद करवाओ। बकरीद में लाखों बकरे काटे जाते हैं उसकी जगह रुपये गरीबों में बांट दो। जीव हिंसा भी नहीं होगी।

(यह खबर अपडेट की जा रही है)

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