राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद केंद्र पर बरसे केजरीवाल, कहा- PM सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनते
Delhi Service Bill Passed in Rajya Sabha लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी दिल्ली सेवा बिला पास हो गया है। बिल पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न ही जनता की सुनते हैं ना ही देश की मानते हैं और ना ही सुप्रीम कोर्ट की सुनते हैं।
यह कानून अंग्रेजों द्वारा 1935 में लाए गए गवर्नमेंट आफ इंडिया कानून जैसा है। दिल्ली के लोग अपनी पसंद की सरकार तो चुनेंगे, लेकिन उस सरकार को काम करने की कोई शक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा, एक तरह से पीएम कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट जो मर्जी आदेश पास करे, अगर मुझे पसंद नहीं आया, तो कानून बनाकर उसे पलट दूंगा। सीएम ने कहा कि जब इन लोगों को लगा कि आप को हराना मुश्किल है, तब इन्होंने चोर दरवाजे से अध्यादेश लाकर दिल्ली की सत्ता हथियाने की कोशिश की है। दिल्लीवासियों ने वर्ष 2015 और 2020 में हमारी सरकार बनाई, क्योंकि मैं दिल्ली का बेटा हूं, जबकि मोदी जी दिल्ली के नेता बनना चाहते हैं। दिल्लीवासियों को अपना बेटा पसंद है।
केंद्र की BJP सरकार ने आज Parliament में Delhi के लोगों को गुलाम बनाने वाला ग़ैर-संवैधानिक क़ानून पास करा कर दिल्ली के लोगों के वोट और अधिकारों का अपमान किया है। - CM @ArvindKejriwal https://t.co/iv9RateVyU
— AAP (@AamAadmiParty) August 7, 2023
विकास कार्यों में बाधा डालती है केंद्र- केजरीवाल
पक्ष में पड़े 131 वोट
लोकसभा में बिल 3 अगस्त को हुआ पास
दिल्ली की सेवाओं से जुड़ा विधेयक ध्वनिमत से लोकसभा से पास हो गया। नवगठित विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए ने एकजुट होकर विधेयक का विरोध किया तो वहीं राजग के साथ-साथ बीजद, वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने इसका पुरजोर समर्थन किया।19 मई को केंद्र लेकर आई थी अध्यादेश
अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण के अधिकार को लेकर 11 मई को दिल्ली सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया। निर्णय आते ही अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सेवा सचिव व सतर्कता सचिव के साथ ही मुख्य सचिव को हटाने की मांग रख दी। संवैधानिक व्यवस्थाओं के अंतर्गत काम करने वाले अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाने लगा, जिससे कि मुख्यमंत्री आवास सहित अन्य घोटालों की फाइल मंत्रियों को सौंप दी जाएं। 16 व 17 मई की मध्यरात्रि में सतर्कता सचिव कार्यालय के ताले तोड़ कर फाइलें गायब करने का प्रयास हुआ।अधिकारियों के साथ ही उपराज्यपाल पर भी तथ्यहीन आरोप लगाने लगे। मुख्यमंत्री व मंत्रियों के व्यवहार से अधिकारियों के लिए काम करना मुश्किल हो गया। इन परिस्थितियों में राजधानी की गरिमा एवं संवैधानिक व्यवस्थाओं को बनाए रखने के केंद्र सरकार को 19 मई दिल्ली सेवा संशोधन अध्यादेश लाना पड़ा था।प्रधानमंत्री जी,
ये काला क़ानून जनतंत्र के ख़िलाफ़ है, जनतंत्र को कमज़ोर करता है। अगर जनतंत्र कमज़ोर होता है तो हमारा भारत कमज़ोर होता है।
पूरा देश समझ रहा है कि इस बिल के माध्यम से कैसे आप दिल्ली के लोगों के वोट की ताक़त को छीन रहे हैं। दिल्ली के लोगों को ग़ुलाम और बेबस बना… pic.twitter.com/0hAjLfIWXc
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 7, 2023