दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ, सीएम केजरीवाल का बड़ा तोहफा
Free Electricity in Delhi दिल्ली के सीएम Arvind Kejriwal ने लोगों को राहत देते हुए बड़ा एलान किया है उन्होंने 200 यूनिट तक बिल आने पर पूरा बिल माफ करने की घोषणा की है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 01 Aug 2019 05:49 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Free Electricity in Delhi दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने लोगों को राहत देते हुए बड़ा एलान किया है उन्होंने 200 यूनिट तक बिल आने पर पूरा बिल माफ करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनाव के मददेनजर ट्रंप कार्ड खेलते हुए दिल्ली में प्रतिमाह 200 यूनिट तक बिजली का बिल माफ करने का ऐलान किया है। यही नहीं, अगर आप 201 से 400 यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं तो भी अब आपको आधा बिल ही भरना होगा। दिल्ली सरकार का यह फैसला आज ही से लागू कर दिया गया है।
200 से ज्यादा है तब भी नहीं है ज्यादा टेंशन
बृहस्पतिवार दोपहर दिल्ली सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान केजरीवाल ने बताया कि अगर कोई 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करता है तो उसे बिल देने की जरूरत नहीं है। सरकार 200 यूनिट तक के बिल पर सौ फीसद सब्सिडी देगी। इसी तरह 201 से 400 यूनिट तक के बिल पर सरकार आधी सब्सिडी देगी।पिछली सरकारों पर कसा तंज
दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि पहले हर साल बिजली की दरों में वृद्धि कर दी जाती थी, इससे बिल बढ़ जाते थे। उन्होंने कहा कि अब आप सरकार में पावर कट कम हुए हैं, जबकि पहले जमकर पावर कट लगाए जाते थे, जिसकी वजह से हर साल इन्वर्टर और बैटरी खरीदने पड़ते थे।
बृहस्पतिवार दोपहर दिल्ली सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान केजरीवाल ने बताया कि अगर कोई 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करता है तो उसे बिल देने की जरूरत नहीं है। सरकार 200 यूनिट तक के बिल पर सौ फीसद सब्सिडी देगी। इसी तरह 201 से 400 यूनिट तक के बिल पर सरकार आधी सब्सिडी देगी।पिछली सरकारों पर कसा तंज
दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि पहले हर साल बिजली की दरों में वृद्धि कर दी जाती थी, इससे बिल बढ़ जाते थे। उन्होंने कहा कि अब आप सरकार में पावर कट कम हुए हैं, जबकि पहले जमकर पावर कट लगाए जाते थे, जिसकी वजह से हर साल इन्वर्टर और बैटरी खरीदने पड़ते थे।
यह हुआ बदलाव
इससे पहले बुधवार को भी दिल्लीवालों को राहत भरी खबर मिली थी। अगस्त से उनके बिजली कनेक्शन पर लगने वाले स्थायी शुल्क में भारी कटौती की थी। जबकि प्रतिमाह 1200 यूनिट तक बिजली की खपत पर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। हालांकि, 1200 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत करने पर प्रति यूनिट 25 पैसे ज्यादा बिल चुकाना होगा। तीन किलोवाट स्वीकृत भार वाले छोटे कारोबारियों की उपश्रेणी बनाई गई है।
- 200 यूनिट तक बिजली फ्री
- 50% सब्सिडी 201-400 यूनिट
इससे पहले बुधवार को भी दिल्लीवालों को राहत भरी खबर मिली थी। अगस्त से उनके बिजली कनेक्शन पर लगने वाले स्थायी शुल्क में भारी कटौती की थी। जबकि प्रतिमाह 1200 यूनिट तक बिजली की खपत पर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। हालांकि, 1200 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत करने पर प्रति यूनिट 25 पैसे ज्यादा बिल चुकाना होगा। तीन किलोवाट स्वीकृत भार वाले छोटे कारोबारियों की उपश्रेणी बनाई गई है।
इनसे अब साढ़े आठ की जगह छह रुपये प्रति यूनिट बिजली बिल लिया जाएगा। अब तक इनसे बड़े कारोबारियों की तरह बिजली बिल वसूला जाता था। वहीं, मनोवैज्ञानिकों और फिजियोथेरेपिस्ट को भी अब घरेलू श्रेणी में रखने का फैसला किया गया है।राजस्व पर नहीं पड़ेगा कोई फर्क
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के चेयरमैन एसएस चौहान ने प्रेसवार्ता कर वर्ष 2019-20 के लिए बिजली की नई दरें घोषित की। आयोग ने निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की बिजली दरें बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया। पिछले वर्ष स्थायी शुल्क में छह गुना तक बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद से उपभोक्ताओं के साथ ही रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और राजनीतिक दलों द्वारा स्थायी शुल्क में कमी करने की मांग की जा रही थी। ऐसे में स्थायी शुल्क में पिछले वर्ष की गई बढ़ोतरी लगभग खत्म कर दी गई है। आयोग का दावा है कि इससे उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 105 रुपये से लेकर 750 रुपये तक की बचत होगी, लेकिन डिस्कॉम के राजस्व पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के चेयरमैन एसएस चौहान ने प्रेसवार्ता कर वर्ष 2019-20 के लिए बिजली की नई दरें घोषित की। आयोग ने निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की बिजली दरें बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया। पिछले वर्ष स्थायी शुल्क में छह गुना तक बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद से उपभोक्ताओं के साथ ही रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और राजनीतिक दलों द्वारा स्थायी शुल्क में कमी करने की मांग की जा रही थी। ऐसे में स्थायी शुल्क में पिछले वर्ष की गई बढ़ोतरी लगभग खत्म कर दी गई है। आयोग का दावा है कि इससे उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 105 रुपये से लेकर 750 रुपये तक की बचत होगी, लेकिन डिस्कॉम के राजस्व पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप