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Delhi Home Shelter Case: टीबी से हुई थी 14 दिव्यांगों की मौत, LG ने चिकित्सा अधिकारी को हटाया

आशा किरण होम्स में हुईं मौतों की जांच रिपोर्ट में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार होम में क्षमता से अधिक मानसिक रोगियों को रखा जा रहा था संक्रामक रोग फैल रहा था और डॉक्टर अनुपस्थित थे। एलजी वीके सक्सेना ने इन अनियमितताओं पर सख्त रुख अपनाते हुए शेल्टर होम के प्रशासक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

By V K Shukla Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 15 Sep 2024 07:35 AM (IST)
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संक्रामक रोग फैलने से मर गए 14 मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आशा किरण होम्स में इस वर्ष जुलाई में 14 मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की मौत के मामले में एलजी को सौंपी गई रिपोर्ट में होम को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।

रिपोर्ट में वहां क्षमता से अधिक मानसिक रोगियों को रखने की बात तो सामने आई ही है, संक्रामक रोग के फैलने और डॉक्टरों के अनुपस्थित रहने की बात रिपोर्ट में कही गई है। वहीं खराब वेंटिलेशन और खराब साफ सफाई, मेडिकल रिकॉर्ड का मौजूद न होने के साथ साथ पीने के पानी की कमी आदि की बात कही गई है।

एलजी वीके सक्सेना ने इन अनियमितताओं में खास तौर पर चिकित्सकीय लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया है। उपराज्यपाल ने शेल्टर होम के प्रशासक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और वहां पर तुरंत डॉक्टरों की तैनाती करने को कहा है।

सुविधाओं को नए सिरे से तैयार करने का निर्देश

इसके साथ ही उन्हाेंने इन मौतों की जांच में बाधा डालने के लिए ड्यूटी मेडिकल आफिसर डॉ. सुनीता सिंह राठौर को हटाने का भी आदेश दिया है। बता दें कि उपराज्यपाल ने आशा किरण होम्स में हुईं मौत पर वहां की सुविधाओं को नए सिरे से तैयार करने पर श्वेत पत्र की मांग की थी।

रिपोर्ट मिलने के बाद एलजी ने समाज कल्याण विभाग के मंत्री विहीन होने के कारण उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव को इसकी प्रगति की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने होम में बुनियादी ढांचे को युद्ध स्तर पर उन्नत करने का भी निर्देश दिया है और समाज कल्याण विभाग के तहत तीन सुविधाओं के लिए प्रशासक के रूप में नामित उपायुक्तों को हर पखवाड़े इन सुविधाओं का दौरा कर और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

चेतावनियों के बावजूद नहीं की कोई कार्रवाई

उपराज्यपाल ने गत 19 जुलाई के मामले में जांच रिपोर्ट में शामिल उस तथ्य पर कड़ा रुख अपनाया है, जिसमें वहां के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि वहां के अधीक्षक और वेलफेयर ऑफिसर की निगरानी की कमी के कारण कुपोषण और अनदेखी की वजह से होम में टीबी के मामलों में वृद्धि हुई।

इसके अलावा रिपोर्ट में होम की साफ-सफाई की खराब स्थिति और स्वच्छता की कमी को भी उजागर किया गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रशासक ने कई चेतावनियों के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं की।

एलजी ने कहा कि यह समझ से परे है कि संक्रामक बीमारी फैलने की स्थिति में इसके प्रसार को रोकने के लिए लोगों को अलग क्यों नहीं रखा गया। यह भी सामने आया है कि क्षमता से अधिक मानसिक रोगिंयों को रखने की वजह से यहां इस तरह की अमानवीय परिस्थितियां बनी हैं।

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