IAF AN- 32 Missing : फ्लाइट लेफ्टिनेंट आशीष तंवर और राजेश थापा की मौत, घर में पसरा मातम
जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद दुर्घटना के शिकार हुए वायुसेना के AN-32 विमान में सवार कोई भी जिंदा नहीं बचा है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 13 Jun 2019 04:10 PM (IST)
फरीदाबाद/पलवल, जेएनएन। तीन जून को दोपहर 12.25 बजे असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद दुर्घटना के शिकार हुए वायुसेना के AN-32 विमान में सवार कोई भी जिंदा नहीं बचा है। वायु सेना ने विमान में सवार सभी यात्रियों के मरने की पुष्टि की है। विमान में सवार 13 लोगों में दो लोग दिल्ली से सटे फरीदाबाद और पलवल के रहने वाले थे।
फरीदाबाद के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजेश थापा भी दुर्घटनाग्रस्त विमान में सवार थे। वहीं पलवल के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट आशीष तंवर भी इस विमान दुर्घटना में जिंदा नहीं बचे हैं। दरअसल बृहस्पतिवार सुबह क्रैश साइट पर सर्च टीम पहुंची। सर्च के दौरान विमान में सवार किसी भी सदस्य के बचे होने का कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद खोज अभियान में जुटी टीम ने सभी लोगों के मारे जाने की पुष्टि की।मूल रूप से नेपाल के रहने वाले थे थापा
राजेश थापा मूल रूप से नेपाल के रहने वाले थे। अभी हाल में ही उनकी दादी रामा माया थापा ने बताया था कि राजेश जब दो साल के थे तो वह नेपाल से उन्हें अपने साथ फरीदाबाद लाई थीं। रामा माया थापा बिजली निगम से सेवानिवृत हैं। राजेश उनके पास ही रहकर पला बढ़ा। पढ़ाई के बाद राजेश की नियुक्ति वायुसेना में हो गई। इस समय उनकी पोस्टिंग जोरहाट, असम में थी। राजेश दो मई को छुट्टी पर घर आए थे और 27 मई को वापस जोरहाट चले गए थे।
राजेश थापा मूल रूप से नेपाल के रहने वाले थे। अभी हाल में ही उनकी दादी रामा माया थापा ने बताया था कि राजेश जब दो साल के थे तो वह नेपाल से उन्हें अपने साथ फरीदाबाद लाई थीं। रामा माया थापा बिजली निगम से सेवानिवृत हैं। राजेश उनके पास ही रहकर पला बढ़ा। पढ़ाई के बाद राजेश की नियुक्ति वायुसेना में हो गई। इस समय उनकी पोस्टिंग जोरहाट, असम में थी। राजेश दो मई को छुट्टी पर घर आए थे और 27 मई को वापस जोरहाट चले गए थे।
आशीष तंवर का पूरा परिवार सेना में
दीघोट निवासी आशीष तंवर का पूरा परिवार ही सेना में है। आशीष तंवर दिसंबर 2013 में वायुसेना में भर्ती हुए थे और मई 2015 में कमीशन मिलने के बाद उन्हें पायलट पद पर नियुक्ति मिली। आशीष ने उत्तर प्रदेश के मेरठ के सेंट्रल स्कूल से 12वीं पास कर कंप्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री ली और वायुसेना में भर्ती की परीक्षा दी। मथुरा निवासी संध्या के साथ आशीष का आठ फरवरी 2018 को विवाह हुआ था। आशीष तंवर ने संध्या के साथ 18 मई को छुट्टी बिताकर ड्यूटी ज्वाइन की थी।
दीघोट निवासी आशीष तंवर का पूरा परिवार ही सेना में है। आशीष तंवर दिसंबर 2013 में वायुसेना में भर्ती हुए थे और मई 2015 में कमीशन मिलने के बाद उन्हें पायलट पद पर नियुक्ति मिली। आशीष ने उत्तर प्रदेश के मेरठ के सेंट्रल स्कूल से 12वीं पास कर कंप्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री ली और वायुसेना में भर्ती की परीक्षा दी। मथुरा निवासी संध्या के साथ आशीष का आठ फरवरी 2018 को विवाह हुआ था। आशीष तंवर ने संध्या के साथ 18 मई को छुट्टी बिताकर ड्यूटी ज्वाइन की थी।
मां-बाप के इकलौती संतान थे आशीष
आशीष के परिवार के अधिकांश सदस्य सेना में कार्यरत रहते हुए देश सेवा कर रहे हैं। मां-बाप की इकलौती संतान आशीष हमेशा से देश सेवा में जाने का सपना रखते थे। उनकी पत्नी संध्या वायुसेना में रडार ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। आशीष की बहन अंजुला तंवर भी वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर हैं। पिता राधेलाल और ताऊ उदयवीर सेना से सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत हैं। चाचा जयनारायण व कृपाल सिंह भी भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं। दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।आशीष के परिवार के अधिकांश सदस्य सेना में कार्यरत रहते हुए देश सेवा कर रहे हैं। मां-बाप की इकलौती संतान आशीष हमेशा से देश सेवा में जाने का सपना रखते थे। उनकी पत्नी संध्या वायुसेना में रडार ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। आशीष की बहन अंजुला तंवर भी वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर हैं। पिता राधेलाल और ताऊ उदयवीर सेना से सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत हैं। चाचा जयनारायण व कृपाल सिंह भी भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं। दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप